सीयू कांड: अब छात्रा के मोबाइल में मिले 15 आपत्तिजनक वीडियो

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) में छात्राओं के आपत्तिजनक वीडियो बनाने की आरोपी छात्रा के मोबाइल फोन से 15 वीडियो और मिले हैं। इनमें किसी का चेहरा तो नजर नहीं आ रहा है लेकिन सभी वीडियो कमर के निचले हिस्से के हैं। एसआईटी आरोपी छात्रा से यह पता लगाने में जुटी है कि यह वीडियो किसके हैं। एसआईटी ने मंगलवार को आरोपियों से साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की और 50 से ज्यादा सवाल पूछे। वहीं पुलिस ने दो और युवकों को हिरासत में लिया है। सीयू वीडियो कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, उसमें कई खुलासे हो रहे हैं। रविवार तक पुलिस की ओर से किया जा रहा यह दावा भी दम तोड़ता नजर आ रहा है, जिसमें कहा गया था कि छात्रा के मोबाइल से सिर्फ एक ही वीडियो मिला है। आरोपी छात्रा से मंगलवार को लंबी पूछताछ में एसआईटी को जो महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, उससे यह मामला सिर्फ बॉयफ्रेंड को वीडियो भेजने तक सीमित नहीं है। 

फाइल फोटो

न्यूज एजेंसीडीआईजी रूपनगर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मामले की जांच में आरोपियों के मोबाइल सबसे महत्वपूर्ण हैं। तीनों आरोपियों के फोन जांच के लिए साइबर सेल भेजे गए हैं। उन्होंने अन्य लड़कियों के भी वीडियो बनने की आशंका भी जाहिर की है। फिलहाल टीम यह जानने में जुटी है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं है। 

फाइल फोटो।

एसआईटी ने हॉस्टल के बाथरूम की जांच की 
एसआईटी ने फॉरेंसिक टीम के साथ मंगलवार को आरोपियों से पूछताछ के साथ अपराध स्थल की भी दौरा किया। इस दौरान गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम की जांच की गई, जहां पर छात्राओं के वीडियो बनाने की बात कही गई। हॉस्टल की वार्डन को भी एसआईटी ने बुलाया था। उनके भी बयान लिए गए हैं। उनसे जानने की कोशिश की गई कि मामला उनके ध्यान में कब आया था और किस तरह यह सारा प्रकरण हुआ। 

आरोपी को कोर्ट में पेश करने ले जाते पुलिसकर्मी।

एसआईटी ने ये सवाल पूछे 
एसआईटी ने तीनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर साढ़े छह घंटे पूछताछ की। 50 से अधिक सवाल पूछे। बड़ा सवाल यही था कि आखिर वह इन वीडियो का क्या करते थे। लड़की पर वीडियो बनाने का दबाव क्यों बनाया जा रहा था। यह वीडियो आगे किसे भेजे गए। उनके संपर्क कहां तक हैं। अगर सब कुछ पाक साफ था तो चैट और वीडियो डिलीट क्यों किए। क्या उन्होंने अन्य नंबर पर भी वीडियो शेयर किए। सूत्रों का कहना है कि इस पूछताछ में यह साफ हो गया है कि मामला बेहद संगीन है और वीडियो किसी मकसद से ही वायरल किए गए हैं। यह मकसद क्या है इसका खुलासा गहन पड़ताल के बाद ही हो सकेगा। दूसरी ओर, मोहाली प्रशासन और यूनिवर्सिटी प्रबंधन अपने स्तर पर जांच में जुटा है। उनकी ओर से भी अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।विज्ञापन

फाइल फोटो।

विदेशी नंबरों की जांच की जाएगी
डीआईजी ने बताया कि छात्राओं ने उन्हें बताया कि कुछ विदेशी नंबर हैं, जिनसे गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। उनका भी संज्ञान लिया जा रहा है। इस संबंधी जो भी लीगल ओपिनयन आएगा। उसके मुताबिक आगे कार्रवाई की जाएगी। गलत सूचना फैलाने वालों की पहचान कर उन्हें भी काबू किया जाएगा। 

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