डी राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार नहीं रहे पार्टी के वफादार

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने कहा कि कन्हैया कुमार की कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी और उन्होंने खुद को पार्टी से निष्कासित कर लिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार भाकपा नेतृत्व के प्रति ईमानदार नहीं थे.

राजा ने कहा, ‘‘कुमार ने खुद को पार्टी से निष्कासित कर लिया है. वह पार्टी के प्रति ईमानदार नहीं थे. कन्हैया के आने से पहले भाकपा थी और आगे भी बनी रहेगी.’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि कन्हैया कुमार की कम्युनिस्ट विचारधारा में कोई आस्था नहीं थी.”

उन्होंने कहा कि भाकपा जातिविहीन, वर्गविहीन समाज के लिए संघर्ष करती रही है. उसकी कुछ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं रही होंगी. इससे पता चलता है कि उन्हें कम्युनिस्ट और मजदूर वर्ग की विचारधारा में कोई विश्वास नहीं है.

राजा ने कहा, पार्टी उनके शामिल होने से पहले मौजूद थी और उनके निष्कासन के बाद भी सफल होगी. पार्टी उनके साथ खत्म नहीं होगी. हमारी पार्टी निस्वार्थ संघर्ष और बलिदान के लिए है. वह (कन्हैया कुमार) मेरी पार्टी के प्रति सीधे और सच्चे नहीं थे.

गौरतलब है कि कन्हैया कुमार मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. उनके साथ जिग्नेश मेवाणी भी पार्टी में शामिल हुए हैं. राहुल गांधी ने खुद दोनों नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है.

देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता- कन्हैया कुमार

दोनों नेताओं के पार्टी में शामिल होने के बाद अब कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ”इन्होंने(कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी) लगातार मोदी सरकार और हिटलरशाही की नीति के खिलाफ संघर्ष किया. हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज़ और बुलंद हो पाएगी जब ये कांग्रेस और राहुल गांधी की आवाज़ में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज़ बन जाएगी.”

वहीं कन्हैया कुमार ने कहा, ” मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक विचार है. यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है, और मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं . मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता.”

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