दमोह: जातिगत आरक्षण के मुद्दे पर मायावती ने कांग्रेस को घेरा, बोलीं- उसकी मानसिकता दलित विरोधी

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जातिगत आरक्षण की मांग कर रही कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस दलितों को नौकरियों में आरक्षण देने में ना-नुकुर करती रही, वह अब जातिगत आरक्षण की मांग कर रही है। कांग्रेस की मानसिकता ही जातिगत है और यह पार्टी दलित विरोधी है।

दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट पर विधायक और पार्टी प्रत्याशी रामबाई परिहार के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न देने में कांग्रेस ने कभी कोई प्रयास नहीं किया। बसपा के प्रयासों से पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार ने उन्हें भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित किया। हमारे नेता कांशीराम का देहांत हुआ, उस समय भी कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित नहीं किया। इससे दलितों के प्रति कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया।

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
मायावती ने कहा कि नौकरियों में आरक्षण के लिए कांग्रेस सरकार ने दलितों को आरक्षण न देने का खूब प्रयास किया। मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए बसपा को दिल्ली जाकर आंदोलन करना पड़ा। तब भी कुछ नहीं हुआ। जब वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तब दलितों को नौकरियों में आरक्षण मिलना शुरू हुआ। कांग्रेस जातिगत मानसिकता वाली पार्टी है और यह दलित विरोधी है। कांग्रेस जातिगत जनगणना की बात कर रही है। यह वही है, जिसने दलितों को नौकरी में आरक्षण दिलाने में कोई सहयोग नहीं किया था। अब जातिगत जनगणना का समर्थन क्यों?

भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलित विरोधी
मायावती ने सामूहिक तौर पर भाजपा और कांग्रेस दोनों को दलित विरोधी बताया। सभा में मौजूद लोगों से बसपा के समर्थन में वोट करने की अपील की। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी कमजोर वर्ग के लिए हर वह काम करना चाहती है, जिससे उनकी समस्याएं दूर हो। स्थानीय समस्याएं दूर हो। विरोधी पार्टियों साम, दाम, दंड भेद सब कुछ प्रयास करेगी। उनसे सावधान रहने की जरूरत है। उनके हवा-हवाई प्रलोभन भरे वादों से दूर रहना है। यह विरोधी पार्टियां चुनाव के समय घोषणा पत्र बनाकर बड़े-बड़े वादे करती हैं। फिर उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं करती। जनता का विश्वास इनकी घोषणाओं से उठता जा रहा है। बसपा अपने किसी भी चुनाव में कोई भी घोषणा पत्र जारी नहीं करती, क्योंकि हम काम करने में विश्वास रखते हैं। 

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