दिल्ली: रैन बसेरो में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा

शीतलहर की ठिठुरन से लोगों के लिए रैन बसेरा का आसरा है। तापमान में लगातार होने वाली कमी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बेघरों के लिए शेल्टर होम की सुविधा दी है। दिल्ली में फिलहाल 206 स्थायी रैन बसेरा हैं जबकि सर्दियों की शुरुआत में ही 180 टेंट लगाए जा चुके हैं। रैन बसेरे के भर जाने की सूरत में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डुसिब) की ओर से नए टेंट लगाए जाएंगे ताकि एक भी व्यक्ति घरों के बाहर रात न बिताए। 

कश्मीरी गेट, एम्स, गुरुद्वारा बंगला साहिब सहित दूसरी जगहों पर जरूरतमंदों को रात बिताने के लिए टेंट की सुविधा मुहैया की जा रही है। डुसिब के सदस्य बिपिन राय ने कहा कि बढ़ती सर्दी को देखते हुए टेंट में बिस्तर, तकिया, कंबल समेत दो वक्त खाना और चाय व रस्क बांटे जा रहे हैं। 180 टेंट के अलावा 70 नए टेंट भी लगाए जाएंगे ताकि लोगों को राहत मिल सके। हर सप्ताह में दो बार डॉक्टर की टीमें रैन बसेरा में रहने वालों की जांच करती हैं। अधिकतर रैन बसेरा रोजाना फुल हो रहे हैं, ऐसे में जरूरत के मुताबिक नए टेंट भी लगाए जाते हैं ताकि पूरी दिल्ली में रात के वक्त कोई बेघर सड़कों पर सोने के लिए मजबूर न हो। बिस्तर की अधिक जरूरत होने पर टेंट में सभी सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकार की कोशिश है कि एनजीओ के सहयोग से सभी रैन बसेरा में लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिले। कश्मीरी गेट, एम्स के नजदीक ऐसे टेंट लगाए जबकि दूसरी जगहों पर भी ये सुविधाएं दी जा रही हैं।

लड़ाई करने पर टेंट में नहीं मिलेगी जगह
नशे का आदी हो चुके कुछ लोग भी रैन बसेरा में रात बिता रहे हैं। एनजीओ कर्मी लगातार हालाता पर नजर रखते हैं, फिर भी कई बार आपराधिक प्रवृति के कुछ लोग हरकत कर देते हैं। दो दिन पहले एक रैन बसेरा में दो लोगों की बीच हुई कहासुनी के बाद हाथ में ब्लेड निकाल लिया। ऐसा देखते ही उन दोनों लोगों को टेंट से बाहर भेज दिया गया, ताकि राहत के बजाय कोई आफत की वजह न बन सके। 

तापमान घटने से बढ़ी टेंट की मांग
रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, अस्पताल सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर कोई बेघर सड़क पर रात बिताए, इसलिए उन्हें रेसक्यू टीम रात के वक्त गाड़ियों से टेंट में पहुंचा रही है। तापमान में गिरावट से ऐसे लोगों की तादाद में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों को राहत मिले, इसलिए रैन बसेरा में सभी सुविधाएं मिल रही है। कुछ जगहों पर टीवी, अखबार की भी स्थायी रैन बसेरा में सुविधा है। इन जगहों पर अधिकतर दिहाड़ी पर काम करने वाले हैं  

संक्रमण की आशंका बरकरार
संक्रमण से बचाव के लिए रैन बसेरा में लोगों को समझाया जा रहा है कि सामाजिक दूरी का पालन करें और मास्क लगाएं। हालांकि अधिकतर लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं। इससे रैन बसेरा में भी संक्रमण फैलने का खतरा बरकरार है। हालांकि डुसिब के सदस्य ने कहा कि सैनिटाइजर सहित तमाम सुविधाओं के साथ साथ लोगों को बार बार जागरूक भी किया जा रहा हैं। मगर, रैन बसेरा में रहने वाले अगर लापरवाही बरतते हैं तो किसी तरह का संक्रमण फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बनाए जा रहे हैं वोटर कार्ड भी
आश्रय गृह में लंबे समय से रहने वालों के आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र भी बनवाए जा रहे हैं। इससे बुनियादी सहूलियतें हासिल करने दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। कुछ दिनों पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ)कार्यालय की तरफ से बेघरों के लिए विशेष अभियान चलाया गया था ताकि अधिक से अधिक लोगों के वोटर कार्ड बनाए जा सकें।

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