इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा (एग्जीक्यूटिव कमेटी) की बैठक दूसरे दिन तीसरे चरण के साथ ही संपन्न हो गई। इसमें छात्र हितों को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। इतना ही नहीं शिक्षकों के वेतन में बढोत्तरी किए जाने को भी शूरा सदस्यों ने हरी झंडी दी है।
दारुल उलूम के मेहमानखाने में हुई दो दिवसीय मजलिस-ए-शूरा की शैक्षिक बैठक में शूरा सदस्यों ने विभिन्न विभागों की रिपोर्ट पर विचार विमर्श कर संतुष्टि जताई। शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी किए जाने पर शूरा ने हरी झंडी दी है। इसके साथ ही सभी कक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को बढोत्तरी के साथ नकद धनराशि से पुरस्कृत करने का फैसला भी लिया गया।
शैक्षिक निजाम को और अधिक बेहतर बनाने पर चर्चा करते हुए शूरा सदस्यों ने छात्रों की कक्षाओं में शत प्रतिशत उपस्थिति कराने के लिए सख्त नियम बनाने का समर्थन किया। निर्धारित सीमा से अधिक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को परीक्षा में शामिल न किए जाने का फैसला भी सर्वसम्मति से लिया गया।इसमें मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी, सदर मुदर्रिस मौलाना अरशद मदनी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, मौलाना बदरुद्दीन अजमल, मौलाना अनवारुल रहमान बिजनौरी, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना महमूद राजस्थानी, मौलाना इब्राहीम मालेगांव, मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना कलीमुल्लाह अलीगढ़ी, मौलाना आकिल, मौलाना मुफ्ती शफीक अहमद आदि मौजूद रहे।
बंद नहीं होगी दारुल उलूम की वेबसाइट, लिया फैसला
मजलिस-ए-शूरा की बैठक में दारुल उलूम की वेबसाइट को बंद न करने का निर्णय भी लिया है। गजवा-ए-हिंद पर छिड़े विवाद के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि वेबसाइट को कुछ दिन के लिए बंद कर दिया जाएगा। अंदरूनी तौर पर इसको लेकर लगातार विचार विमर्श भी किया जा रहा था। हालांकि कुछ लोग इसको बंद करने के समर्थन में थे कुछ इसका विरोध कर रहे थे। इसी को लेकर यह मुद्दा शूरा सदस्यों के समक्ष रखा गया। दो दिन की चर्चा की बाद बैठक में एक राय से यह फैसला लिया गया कि संस्था की वेबसाइट को बंद नहीं किया जाएगा।
बाहरी दरबान रखे जाने पर हुई चर्चा
दारुल उलूम में बाहरी दरबान रखे जाने पर भी शूरा सदस्यों ने चर्चा की है। बताया जाता है कि दरबान रखे जाने का स्थानीय दरबान लगातार विरोध कर रहे हैं। मामला शूरा के संज्ञान में गया तो कई लोगों से इस संबंध में पूछताछ की गई है।