अमानतुल्ला खान को चरित्रहीन बताने की चुनौती याचिका पर फैसला सुरक्षित

उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आप विधायक अमानतुल्ला खान की दिल्ली पुलिस के उसे चरित्रहीन बताने संबंधी चुनौती मामले में दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। खान वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में आरोपी है।खान ने तर्क रखा कि उसके खिलाफ दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित है और अधिकांश में उसे बरी किया जा चुका है। पुलिस ने गलत तरीके से उसे बदचरित्र घोषित किया है, ऐसे में पुलिस की कार्रवाई को रद्द किया जाए। वहीं पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसी के आधार पर तय नियमों के अनुसार कार्रवाई की गई है।इस मामले में पिछले हफ्ते अदालत ने आप विधायक को यह कहते हुए जमानत प्रदान कर दी थी कि आरोपी के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया गंभीर प्रकृति के नहीं हैं। प्राथमिकी के अनुसार खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए कई अनियमितताओं में लिप्त है, जिसमें सभी मानदंडों और सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करना शामिल है।अदालत ने कहा था कि वक्फ बोर्ड के सीईओ के बयान के अनुसार प्रथम दृष्टया यह दिखाया गया है कि आरोपी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते दिल्ली सरकार के निर्देश का उल्लंघन करते हुए अपने रिश्तेदारों व अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को भर्ती किया। अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चलता हो कि खान ने किसी संविदा कर्मचारी से रिश्वत ली थी।वक्फ संपत्तियों को पट्टे पर देने के संबंध में अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसके अलावा अदालत ने कहा कि आरोपी को धन का आवंटन या उसके दुरुपयोग को प्रथम दृष्टया नहीं बनाया गया है। अदालत ने कहा उपरोक्त चर्चा से यह प्रथम दृष्टया माना जा सकता है कि आरोपियों के खिलाफ आरोप गंभीर और गंभीर प्रकृति के नहीं हैं।

अदालत ने कहा था कि खान के खिलाफ 24 मामलों में से उन्हें 20 मामलों में बरी कर दिया गया है। अदालत ने कहा कि एक मौजूदा विधायक के रूप में खान के भागने की संभावना नहीं है और पहले से ही जब्त किए गए प्राथमिक साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं थी। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने 16 सितंबर को खान के परिसरों पर छापामारी करने के बाद खान को गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि खान ने वक्फ बोर्ड के धन का दुरुपयोग किया, जिसमें दिल्ली सरकार से सहायता अनुदान शामिल था।

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