कल उज्बेकिस्तान दौरे पर जाएंगे रक्षा मंत्री, एससीओ बैठक में लेंगे हिस्सा

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अगस्त यानी मंगलवार को उज्बेकिस्तान जाएंगे। वह यहां राजधानी ताशकंद में होने वाली एससीओ में शामिल रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। साथ ही, अपने दौरे के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल निजामोविच के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। इसके अलावा वह उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी बातचीत करेंगे।

अगले महीने होगा शिखर सम्मेलन
गौरतलब है कि एससीओ शिखर सम्मेलन 15-16 सितंबर को होने जा रहा है। इसमें भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिजस्तान सहित कुल 8 सदस्य देशों के शासनाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की मुलाकात संभव है। बैठक के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक छत के नीचे दो दिन का समय बिताएंगे। 

उज्बेकिस्तान में आठ साल से जमी बर्फ पिघलने की उम्मीद
उज्बेकिस्तान के समरकंद में अगले महीने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर आठ साल से जमी बर्फ पिघलाने का प्रयास शुरू हो सकता है। इस बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ की मुलाकात की संभावना है। छह साल बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक छत के नीचे दो दिन बिताएंगे।

संवाद का सिलसिला शुरू होने पर संदेह
बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों की अलग से मुलाकात हो सकती है। हालांकि  बातचीत का सिलसिला शुरू होने में संदेह है। पाकिस्तान की नई सरकार शुरू से ही कश्मीर राग छेड़ रही है। अनुच्छेद 370 के खात्मे का विरोध करते हुए पाक की अगुवाई में इस्लामिक सहयोग संगठन ने राज्य में मानवाधिकारों  उल्लंघन का आरोप लगाया था। 

शहबाज को मोदी ने दी थी बधाई
पाकिस्तान में हाल ही में नई सरकार का गठन हुआ है। सरकार के गठन के बाद पीएम मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष शरीफ को बधाई दी थी। बधाई देते हुए पीएम ने ट्वीट किया था, पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर मियां  शहबाज शरीफ को बधाई। भारत एक आतंकवाद मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहता है, जिससे हम अपने लोगों की भलाई और संपन्नता सुनिश्चित कर सकें।

आतंकवाद पर ठोस संदेश नहीं दे रहा पाकिस्तान
सत्ता संभालने के बाद पुलवामा में आतंकी हमले के बाद ही बातचीत के संदर्भ में भारत का रुख बेहद कड़ा है। भारत ने बार-बार कहा है कि आतंकवाद के जारी रहते बातचीत संभव नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान को बातचीत के माहौल के लिए आतंकवाद पर ठोस संदेश देना होगा। पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद पर लगाम लगाने की अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है।

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