दिल्ली कैंट रेप-मर्डर: सीसीटीवी कैमरों से हुआ खुलासा, बच्ची से मालिश करवाता था आरोपी पंडित

दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच में एक और नया खुलासा हुआ है. मामले की जांच कर रही दिल्‍ली पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से कई अहम खुलासे हुए हैं.

दिल्ली पुलिस की जांच में पता लगा है कि आरोपी पंड़ित राधेश्याम ने जिंदा बच्ची को श्मशान के रजिस्टर में मृत दिखा दिया था. दिल्ली पुलिस की जांच में सेना के कैमरों से मिले सीसीटीवी फुटेज में इस बात का खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि पंडित ने रजिस्टर्ड में बच्ची की मौत का कारण नहीं लिखा हुआ है. पुलिस ने पंडित राधेश्याम के घर से उसके दो मोबाइल बरामद कर किए हैं. पुलिस ने दोनों मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं.

दिल्ली कैंट मामले की जांच में शामिल क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के अनुसार पंडित राधेश्याम ने बच्ची की मौत का समय श्मशान घाट के रजिस्टर्ड में शाम 5.30 बजे लिखा हुआ है. सेना से मिले सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में बच्ची शाम 5.30 बजे श्मशान घाट के पास घूमती हुई दिखाई दे रही है. बच्ची की मौत करीब सात बजे हुई है. 7.30 से लेकर 8 बजे के बीच बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया. करीब सवा सात बजे बच्ची की मां को श्मशान घाट बुलाया गया था. अपराध शाखा को सेना के कई कैमरों की सीसीटीवी फुटेज मिली हैं. इन कैमरों से पता लग रहा है कि श्मशान घाट में कौन कब आया था और कौन कब बाहर गया था.

क्राइम ब्रांच की जांच में ये बात सामने आई है कि पंडित राधेश्याम रंगीन मिजाज का व्यक्ति है. पुलिस के मुताबिक, इस केस में गवाह के तौर पर सामने आए गांव वालों ने खुलासा किया कि पंडित नौ वर्षीय बच्ची से अपनी मालिश करवाता था. साथ ही उसने कई बार बच्ची की अश्लील फिल्म दिखाई थी. आरोपी पंडित राधेश्याम ने पूछताछ में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की है. उसने माना है कि वह अक्सर बच्ची के साथ छेड़छाड़ करता था. पुलिस अधिकारियों के अनुसार राधेश्याम ने श्मशान घाट को शराबियों व नशेड़ियों का अड्डा बना रखा था.

दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच के लिए मृतक बच्ची के माता पिता ने विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. मृतक बच्ची के माता-पिता की ओर से दाखिल याचिका में सुरक्षा की भी मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली कैंट के पास पुरानी नंगल गांव में एक श्मशान के अंदर चार आरोपियों ने उनके बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी. याचिका में कहा गया है कि मृतक बच्‍ची के शव को आरोपियों ने साक्ष्य नष्ट करने के मकसद से श्मशान घाट की आग में फेंक दिया गया. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र कुमार ने कहा कि उनके मुवक्किल समाज से गरीब वर्ग के हैं और पूरी तरह से निरक्षर हैं. याचिका में उन्होंने कहा है कि याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आया है कि उनकी मृत बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी.

दिल्ली पुलिस ने यहां की एक अदालत से कहा है कि यह पुष्टि करने के लिए अब तक कोई सबूत एकत्र नहीं किया जा सका है कि इस महीने की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित दिल्ली छावनी के पास कथित तौर पर हत्या किये जाने से पहले नौ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था या नहीं.

मामले के जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत को बताया कि चारों आरोपियों के बयानों से पता चला है कि उनमें से दो – श्मशान घाट के 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम और उसके कर्मचारी कुलदीप सिंह – ने पीड़ित लड़की के साथ दुष्कर्म करके उसकी हत्या कर दी थी.

जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि अन्य आरोपियों – सलीम अहमद और लक्ष्मी नारायण (दोनों श्मशान में कर्मचारी) ने मृतक बच्ची का अंतिम संस्कार करने में उनकी मदद की थी.

अदालत ने 12 अगस्त को पारित आदेश में कहा, जांच अधिकारी ने स्वीकार किया है कि न तो किसी चश्मदीद गवाह का कोई बयान और न ही कोई अन्य सबूत, जिसमें चिकित्सा या वैज्ञानिक शामिल हैं, यह पुष्टि करने के लिए एकत्र किया जा सका है कि पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था या नहीं. उन्होंने कहा है कि इस स्तर पर, वह निर्णायक रूप से यह नहीं कह सकता कि पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था या नहीं.

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