भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जामनत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 मई को सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को इस मामले को सूचीबद्ध किया। दरअसल, वसीम रिजवी को हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
धर्म परिवर्तन कर हिंदू बने त्यागी पर कथित तौर पर हरिद्वार में हुए धर्म संसद में इस्लाम और पैगम्बर के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया है।
इससे पहले हाईकोर्ट ने हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में दायर जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। दरअसल, शिकायतकर्ता नदीम अली ने दो जनवरी 2022 को हरिद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया। इसमें भड़काऊ भाषण दिए गए तथा आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंहानंद व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया।
पुलिस ने उनकी शिकायत पर आईपीसी की धारा 153, 295 तहत नरसिंघानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण, स्वामी प्रबोधानंद गिरि के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।