दिल्ली दंगा : आरोपी सोनू शेख को 4 दिन की पुलिस रिमांड

नई दिल्ली:  दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुए दंगे मामले में मंगलवार को आरोपी सोनू शेख को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया है. इस पर रोहिणी कोर्ट ने आरोपी सोनू शेख को 4 दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है. आरोपी पर फायरिंग करने का आरोप है. पुलिस ने सोनू के खिलाफ आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है. जहांगीरपुरी दंगे में जो दो नाम उभरकर सामने आए हैं उनमें से एक अंसार और दूसरा सोनू शेख उर्फ इमाम का है. 

अंसार का पुलिस से मिला जो डोजियर न्यूज़ नेशन के पास है, उससे पता चलता है कि उसके खिलाफ गैंबलिंग एक्ट में 3 मुकदमे, मारपीट और छेड़छाड़ केस के अलावा आर्म्स एक्ट का एक मुकदमा भी पहले से दर्ज है. न्यूज नेशन संवाददाता अवनीश चौधरी ने जब  ग्राउंड पर उसकी पड़ताल की तो इन मुकदमों के पीछे अंसार की एक कुख्यात सट्टेबाज और संगठित अपराध में शामिल होने की तस्वीर उभरकर सामने आई.

मात्र चौथी पास है अंसार

40 साल के अंसार के खिलाफ साल 2009 में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा हुआ था. इसके बाद साल 2011 से 2019 के बीच उसके खिलाफ गैंबलिंग एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज हुए. इसके अलावा साल 2013 में उसके खिलाफ छेड़छाड़ की धारा 509, मारपीट की धारा 323 और धमकाने की धारा 509 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया. इसके अलावा एक मामला  july 2018 का है. तब इसके खिलाफ 186/353 ipc(सरकारी कर्मचारी पर हमला करना और सरकारी काम में बाधा डालना) की धारा इस पर लगाई गई थी. गौरतलब है कि इसका पेशा कबाड़ी बताया गया है और मात्र चौथी कक्षा तक ही पढ़ा है

पुलिस को भी पहुंचाता था अवैध उगाही का हिस्सा

जहांगीरपुरी सी ब्लॉक का रहने वाला अंसार एरिया में काफी पहचाना जाता है, क्योंकि जैसे-जैसे उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड बढ़ता गया, वैसे-वैसे इलाके में उसकी एक्टिविटी अवैध पार्किंग से उगाही, सट्टे और नशे के कारोबार में बढ़ती गई. पुलिस का कहना है कि इन तमाम कामों से उसकी हर महीने लाखों की कमाई होती है. सूत्रों का कहना है कि एरिया के अवैध धंधे की उगाही का हिस्सा वह पुलिस तक भी पहुंचाता था.

यह बताया जा रहा है कि अंसार को शनिवार को शोभायात्रा की शाम मस्जिद से कॉल किया था, जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस और झगड़ा किया. यह जानकारी उसकी कॉल रिकॉर्ड चेक करने से सामने आई है. बताया जा रहा है कि अंसार की अवैध कमाई लाखों में है, लिहाजा पुलिस उसके बैंक डिटेल की स्टेटमेंट्स भी खंगाल रही है. पुलिस को आशंका है कि इंसान को फंडिंग की गई थी, क्योंकि उसे पहले से पता था कि जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में शोभा यात्रा निकलने वाली है, इसलिए उसकी हरकत को एक गहरी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है. अंसार वह शख्स है जिसका FIR में सबसे पहले नाम आया और पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी बताते हुए FIR में लिखा है कि अंसार ने ही सबसे पहले इस शोभायात्रा में सी ब्लॉक मस्जिद के सामने व्यवधान डाला था और कुछ लोगों से बहस की थी.

शोभायात्रा में सी ब्लॉक मस्जिद के सामने व्यवधान डाला था और कुछ लोगों से बहस की थी.

अंसार का जन्म 1980 में जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में हुआ, लेकिन उसका मूल पश्चिम बंगाल के हल्दिया से बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने हल्दिया पुलिस से संपर्क करके उसकी बैकग्राउंड खंगालने को कहा है. डोजियर के अनुसार, उनकी रिश्तेदारी मेवात के नूह में भी है. पुलिस ने इसका डोसीर 20 फरवरी 2009 में ही तैयार कर लिया था. तब इसको चाकू के साथ गिरफ्तार किया था. डोसियर के मुताबिक इसके खिलाफ पहले से ही 2 मामले दर्ज हैं. पहले मामले में ये चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था और इसके खिलाफ arms act की धारा लगाई गई थी.

पुलिस ने इसकी बीएमडब्ल्यू के साथ कुछ फोटोग्राफ देखे तो आशंका जताई गई कि इसके पास लग्जरी गाड़ियां हो सकती हैं. इस सिलसिले में पूछताछ करने पर पता चला कि उसने किसी को ब्याज पर फाइनेंस किया था और बदले में उसकी बीएमडब्ल्यू कार कुछ समय के लिए अपने पास रख ली थी. पुलिस अंसार के हवाला कनेक्शन की भी जांच कर रही है और यह भी आशंका है कि उसके पास पुरानी लग्जरी गाड़ियां और अकूत दौलत हो सकती है. हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. 

सोनू शेख का प्रोफाइल

दंगे वाली शाम नीले कुर्ते में कथित रूप से पुलिस के ऊपर फायरिंग करते हुए वायरल हुआ सोनू शेख गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ के दायरे में है. पुलिस उसका प्रीवियस क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाल रही है. पुलिस उससे उसके पुराने गुनाहों के बारे में पूछताछ कर रही है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि उसके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा पहले से दर्ज है. उससे सोफिस्टिकेटेड पिस्टल भी रिकवर हुई है. सोनू से पहले गिरफ्तार हुआ उसका भाई सलीम चिकना कुख्यात बदमाश है, जिस पर पहले से हत्या की कोशिश लूटपाट आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले दर्ज हैं. सोनू सेठ को जब पुलिस गिरफ्तार करने गई तो एक बार फिर पुलिस के टीम के ऊपर पत्थर फेंके गए. पुलिस पूरी फैमिली के क्रिमिनल बैकग्राउंड की भी पड़ताल कर रही है.

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