गजरौला में दिल्ली की स्पेशल सेल का छापा, नशे की दवा बनाने की फैक्टरी पकड़ी

दिल्ली की स्पेशल सेल ने गजरौला के सलेमपुर गौसाईं में नशीली दवाएं बनाने वाली फैक्टरी पकड़ ली। फैक्टरी से हटाकर अहरौला तेजवन में ग्रामीण के घर रखा भारी मात्रा में कच्चा माल बरामद किया। स्पेशल टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर अमरोहा, नारकोटिक्स व फोरेंसिक टीम के साथ सुबह से देर शाम तक कार्रवाई की।

पुलिस दिल्ली से हरिद्वार के एक युवक को साथ लेकर आई थी। दिल्ली की स्पेशल सैल ने मंगलवार को हरिद्वार निवासी युवक को पकड़ा था। ये युवक दिल्ली में दवाइयों की सप्लाई करता था। आरोप है कि वह दवाइयों की आड़ में नशीली दवाओं का कारोबार करता है। युवक से कड़ाई से पूछताछ की।

जिस पर उसने बताया कि वह दवाइयों को गजरौला के सलेमपुर गौसाईं स्थित दवाई बनाने वाली फैक्टरी से खरीदकर लाता है। फैक्टरी गजरौला के लोहिया नगर निवासी व्यक्ति की है। जिसके बाद स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस न्यायालय से फैक्टरी का सर्च वारंट लेकर बृहस्पतिवार को सेल के प्रभारी नीरज कुमार युवक को लेकर गजरौला के सलेमपुर गौसाईं फैक्टरी में पहुंचे।

गजराैला थाना पुलिसकर्मियों के साथ ही नारकोटिक्स की टीम भी थी। मगर टीम पहुंचने से पहले ही दवाई बनाने की फैक्टरी बंद पाई गई। इस बीच टीम को पता चला कि दवाएं बनाने का सामान यहां से हटा दिया गया है। जिसे नजदीकी गांव अहरौला तेजवन में एक व्यक्ति के घर रखा गया है। 

पुख्ता जानकारी के आधार पर टीम अहरौला तेजवन में पहुंची। अमरोहा से औषधि निरीक्षक को बुला लिया गया। कई घंटों की कार्रवाई में यहां से भारी मात्रा में रसायन, दवाइयां और नकली दवाइयां बनाने का सामान बरामद किया। रसायन क्या है यह जानने के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया।

बरामद सामान को कब्जे में लेकर टीम सलेमपुर गौसाईं  स्थित दवा बनाने की फैक्टरी में पहुंची। यहां पर छापेमार शुरू की गई। सेफ और अलमारी खोल कर तलाशी ली गई। सीओ श्वेताभ भास्कर का कहना है कि टीम द्वारा छापेमारी कार्रवाई की है। टीम को क्या बरामद हुआ है, यह नहीं पता। 

टीम पहुंचने से पहले ही हटा दिया गया था कच्चा माल
दिल्ली की स्पेशल सैल को पुख्ता खबर मिली थी कि सलेमपुर गौसाईं स्थित दवाइयां बनाने की फैक्टरी में नशीली वस्तुओं में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री रखी है। मगर इस धंधे में लगे लोग बेहद शातिर निकले। शायद उनको कार्रवाई की भनक लग गई थी। इसी वजह से फैक्टरी में रखा सामान हटा दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि सामान एक दिन पहले हटाया गया था। फैक्टरी पर ताला लगाकर लोग भाग गए। युवक की निशानदेही पर टीम फैक्टरी पहुंची तो यह बंद पाई गई।

गांव की गलियों में लगी रही ग्रामीणों की भीड़ 
दवाइयां बनाने की आड़ में नशीली वस्तुओं का कारोबार करने के मामले में स्पेशल सेल द्वारा बृहस्पतिवार को अहरौला तेजवन में छापा मारा गया। टीम चार गाड़ियों के साथ गांव में पहुंची थी। जैसे ही ग्रामीणों को इसकी भनक लगी, वह एक दूसरे से पूछते कि क्या हो गया। कहां की टीम आई है। क्यों छापा मारा गया है। टीम साढ़े पांच बजे तक गांव में डटी रही। तब तक ग्रामीण गांव की गलियों में डटे रहे। मगर टीम ने गेट बंद कर दिया था। जिससे कोई ग्रामीण अंदर प्रवेश न कर सके। 

कीटनाशक बताकर रखा था ग्रामीण के घर पर कच्चा माल
स्पेशल सेल, नारकोटिक्स व औषधि विभाग की टीम ने सलेमपुर गौसाईं स्थित दवाई बनाने की फैक्टरी का कच्चा सामान और दवाइयां, रसायन आदि को अहरौला तेजवन निवासी के घर से बरामद किया। अहरौला तेजवन का ग्रामीण पूर्व में ट्रक चलाता था। अब उसका गांव के बाहर सीमेंट की ईंट बनाने का प्लांट है।

बृहस्पतिवार काे टीम ने उसके घर छापा मारा तो ग्रामीण चौंक गए। आपस में यह कहते सुने गए कि नकली दवाएं बनाने के आड़ में नशीली दवा बनाने का कारोबार कर रहे लोगों से ग्रामीण के तार कैसे जुड़ गए। यह भी चर्चा हो रही थी कि कहीं ग्रामीण भी इस धंधे में संलिप्त तो नहीं है। इसी के चलते उसने फैक्टरी से सामान लाकर यहां रखवा दिया।

पुलिस का कहना है कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ग्रामीण के प्लांट से थोड़ी दूर पर फैक्टरी है। जिसके चलते ग्रामीण और फैक्टरी के मालिक की पहचान हो गई। बस इसी का फायदा उठाकर फैक्टरी के मालिक ने आम के पेड़ों की धुलाई वाला कीटनाशक बताकर ग्रामीण के घर ड्रम रखवा दिया था। 

कारोबारी एयरपोर्ट से विदेश भेजते थे नशे की दवा
औषधि निरीक्षक रुचि बंसल और स्पेशल टीम द्वारा पकड़ी गई नशीली दवाइयां बनाने की फैक्टरी में पूरा सेट अप मिला। जिससे नशीली दवाएं तैयार करते थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह काम बीते दो-ढाई साल से चल रहा है। देश के कई हिस्सों में यहां से नशीली दवाइयां भेजी जाती हैं।

छापामार कार्रवाई के दौरान औषधि निरीक्षक को कुछ ऐसे रैपर मिले, जो एयरपोर्ट पर स्कैन नहीं हो सकते। इससे यह इंकार नहीं किया जा सकता है कि दवाइयों को एयरपोर्ट से  विदेश भी भेजा जाता था। कब से यह काम चल रहा था और किस-किस एयरपोर्ट से कहां-कहां दवाइयां भेजी गईं, इसकी जांच जारी है। औषधि निरीक्षक ने बताया कि सभी तथ्यों पर जांच की जा रही है।

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