गाजियाबाद में डंप हो रहा था दिल्ली का कूड़ा, महापौर ने पकड़े नौ ट्रक

पूर्वी दिल्ली का सैकड़ों टन कूड़ा गाजियाबाद के मोरटा में डंप करने का भंडाफोड़ हुआ है। शुक्रवार को औचक निरीक्षण में महापौर सुनीता दयाल ने एमसीडी के नौ ट्रक पकड़े हैं। तीन ट्रकों को नंदग्राम थाने और छह ट्रक पाइपलाइन पुलिस चौकी पर जब्त कराया गया हैं। मोरटा में गार्बेज फैक्टरी का संचालन करने वाली जीरॉन कंपनी के खिलाफ महापौर के निर्देश पर नंदग्राम थाने में तहरीर दी गई है।

महापौर ने बताया कि पिछले काफी समय से उन्हें शिकायत मिल रही थी कि दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डंप किया जा रहा है। शुक्रवार को उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमके सिंह और पार्षद राजीव शर्मा के साथ फैक्टरी का निरीक्षण किया। यहां पता चला कि दिल्ली का कूड़ा पास में ही डंप किया जा रहा है। राजनगर एक्सटेंशन में एमसीडी के तीन डंपर मोरटा कूड़ा ले जाते मिले। ग्रामीणों ने भी बताया कि रात के समय भी एमसीडी के ट्रक कूड़ा लेकर साइट पर आ रहे हैं। पाइप लाइन चौकी के पास मकरेड़ा के पास एमसीडी के छह ट्रक मिले। 

पूछताछ में बताया गया कि ये सभी ट्रक कूड़ा डालकर लौट रहे हैं। महापौर ने ट्रकों के साथ नंदग्राम थाने पहुंचीं। उन्होंने दिल्ली सरकार को घेरा। कहा कि केजरीवाल दिल्ली का गाजीपुर मोरटा को बनाना चाहते हैं। ऐसा नहीं होने देंगे। दिल्ली का कूड़ा वापस जाएगा। कूड़ा निस्तारण के नाम पर हो रहे करोड़ों के इस खेल की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। कंपनी से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति भी वसूली जाएगी। कंपनी का अनुबंध निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली के कूड़े के निस्तारण का बिल भी निगम के खाते में जोड़ रहे थे
महापौर ने बताया कि फैक्टरी पर रखे रजिस्टर को चेक किया गया तो पाया गया कि दिल्ली से लाने वाले कूड़े की तुलाई साइट पर कराई जाती थी और इस कूड़े के निस्तारण का बिल नगर निगम के खाते में भेजा जाता था। कंपनी फर्जीवाड़ा कर रही थी। खासबात यह कि निगम के अधिकारियों ने भी इसे नजरअंदाज किया। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एमके सिंह ने बताया कि कंपनी के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जीवाड़ा करना पाया गया है। थाने में तहरीर दी गई है।

एक से डेढ़ करोड़ रुपये हर महीने हो रहे खर्च
कूड़े के निस्तारण के नाम पर हर महीने नगर निगम निजी कंपनी को एक से डेढ़ करोड़ रुपये दे रहा है। बावजूद इसके शहर का कूड़ा निस्तारित होने की बजाय डंप किया जा रहा है। पार्षद राजीव शर्मा का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कूड़े में बड़ा खेल किया जा रहा है।

छह महीने पहले सदन में उठाया था मुद्दा
पूर्व पार्षद मनोज चौधरी ने बताया कि छह महीने पहले सदन में गाड़ियों के वीडियो और फोटो दिए थे। कैसे दिल्ली का कूड़ा गाजियाबाद में डाला जा रहा है इसके प्रमाण दिए गए थे। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। निगम में कूड़े के निस्तारण के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई गई तो कई अधिकारी जांच में फंस सकते हैं। पहले कूड़ा निस्तारण में 17 से 22 करोड़ रुपये खर्च होता था अब करीब 45 से 50 करोड़ खर्च हो रहा है।

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