चारों धाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की मांग, स्वामी आनंद स्वरूप ने धामी को लिखी चिट्ठी

हरिद्वार। चारों धामों में गैर हिंदुओं के प्रवेश का मुद्दा उत्तराखंड में तूल पकड़ने लगा है। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बकायदा पत्र लिखकर गैर हिंदुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की मांग उठाई है। स्वामी आनंद स्वरूप की मांग को समर्थन भी मिलने लगा है।  

शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि काली सेना के साथ मिलकर परिषद ने ‘हिमालय हमारा देवालय है’ अभियान चलाया है। इसमें चारधाम यात्रा में गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेध कराए जाने की मुहिम चलाई गई है। कहा गया है कि उत्तराखंड हिंदुओं की ऊर्जादात्री भूमि है। यह असंख्य हिंदू ऋषियों की जन्मभूमि, कर्मभूमि व तपोभूमि भी है।

हिमालय हिंदुत्व की आत्मा है। सांस्कृतिक रूप से यह क्षेत्र हिंदुत्व का गढ़ है। आध्यात्मिक रूप से हिंदुत्व की चेतना और संवैधानिक रूप से यह हमारा उपासना स्थल है। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में हिमालयी क्षेत्र में गैर हिंदुओं का प्रवेश हो रहा है। वह निवास बनाकरव्यवसाय भी कर रहे हैं। आरोप लगाया गया है कि गैरहिंदू इस क्षेत्र में अपराधों को भी अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चारधाम यात्रा में भी गैर हिंदुओं का प्रवेश निषेध करने की मांग की है। साथ ही उत्तराखंड में भू-कानून में संशोधन करने की मांग भी की गई है।

गैर हिंदुओं की दुकानों को अन्यत्र करें शिफ्ट, भू-कानून में संशोधन का किया समर्थन
शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप के चारधाम में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग का चारधाम से जुड़े लोगों ने समर्थन किया है। धार्मिक गतिविधियां से लेकर कारोबार और अन्य मामलों में भी गैर हिंदुओं की दखल का विरोध किया है। साथ ही इन लोगों से भू-कानून में संशोधन करते हुए इसे प्रदेश हित में बनाने की मांग की है।

केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। इस संबंध में केदारनाथ तीर्थपुरोहित समाज जल्द ही बैठक कर अपना बयान जल्द जारी करेगा। 
– विनोद शुक्ला, अध्यक्ष केदार सभा, केदारनाथ 

चारों धामों में गैर हिंदुओं का यात्राकाल में पूर्ण प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। कारोबार से जुड़े गैर हिंदू लोगों की दुकानों को यात्रा मार्ग व कस्बों से अन्यत्र शिफ्ट कर देना चाहिए। साथ ही भू-कानून में संशोधन जरूरी है। 

श्रीराम गोस्वामी, अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद रुद्रप्रयाग

चारधाम यात्रा पहाड़ की आजीविका का प्रमुख जरिया है। इसलिए सरकार को यहां के लोगों को प्राथमिकता से यात्रा से जुड़े कार्य देने चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके। 
अजीत सिंह राणा, अध्यक्ष रुद्रा टैक्सी एसोसिएशन रुद्रप्रयाग

चारधाम में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित होना चाहिए। अन्य धर्मों में जैसे हिंदू के लिए प्रवेश वर्जित है। वैसे ही हिंदू तीर्थस्थलों पर गैर हिंदुओं का प्रवेश हर मामले में वर्जित होना चाहिए। 
देवी प्रसाद देवली, विभागाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, जोशीमठ

हिंदू धार्मिक स्थलों पर गैर हिंदुओं की कोई भी धार्मिक गतिविधियां नहीं होनी चाहिए। 
उमानंद सती, ब्रह्मकपाल तीर्थपुरोहित अध्यक्ष, बदरीनाथ

केदारनाथ यात्रा केदारघाटी सहित जिले के हजारों परिवारों की आजीविका का एकमात्र जरिया है। यात्रा में स्थानीय लोगों को दुकानों के संचालन से लेकर घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी और टैक्सी संचालन में वरीयता मिलनी चाहिए।
 राय सिंह राणा, जिलाध्यक्ष टैक्सी एसोसिएशन रुद्रप्रयाग 

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