संसद में भाजपा सांसद की मांग, INDIA नाम गुलामी का प्रतीक, देश के संविधान से इसे हटाया जाए

जब से विपक्षी गठबंधन ने खुद का नाम इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस) रखा है तब से भाजपा उसको लेकर जबरजस्त तरीके से हमलावर है। अब इसको लेकर भाजपा के एक सांसद ने संसद में अजीबोगरीब मांग रख दी है। उत्तराखंड से भाजपा के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने मांग की है कि देश के संविधान से इंडिया शब्द को हटा दिया जाए। उनका दावा है कि यह एक औपनिवेशिक थोपा गया शब्द था जिसने वास्तविक नाम ‘भारत’ की जगह ले ली। भाजपा सांसद ने कहा कि इंडिया नाम गुलामी का प्रतीक है जो हमारे देश में अभी भी है और इसे तुरंत हटा देना चाहिए। 

भाजपा सांसद ने क्या कहा

बंसल ने कहा कि विगत नौ वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर औपनिवेशिक विरासत और औपनिवेशिक प्रतीक चिह्नों को हटाने और उनकी जगह परंपरागत भारतीय प्रतीकों, मूल्यों और सोच को लागू करने की वकालत की है। भाजपा सदस्य ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत का नाम बदल कर इंडिया कर दिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों की मेहनत के कारण 1947 में देश आजाद हुआ और 1950 में संविधान में लिखा गया, ‘‘इंडिया दैट इज भारत (इंडिया जो कि भारत है)’’। उन्होंने कहा कि देश का नाम सदियों से भारत ही रहा है और इसी नाम से उसे पुकारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का अंग्रजी नाम इंडिया शब्द अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक है। बंसल ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में गुलामी के प्रतीक को हटाया जाए।

भारत बनाम इंडिया

इंडिया गठबंधन का मकसद 2024 में नरेंद्र मोदी और भाजपा से मुकाबला करना है। कई बीजेपी नेता पहले ही इसे इंडिया और भारत के बीच टकराव बता चुके हैं। बंसल से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी 2024 के लोकसभा चुनाव को भारत और इंडिया के बीच मुकाबला बताया था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों ‘इंडिया’ की तुलना इंडियन मुजाहिद्दीन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे आतंकी संगठनों से करते हुए कहा कि नाम बदल लेने मात्र से किसी के चरित्र में परिवर्तन नहीं हो जाता है। 

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