रैन बसेरों का डेमोलिशन: अब पुनर्वास के सवाल पर विचार करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली। सराय काले खां में रैन बसेरा ध्वस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ध्वस्तीकरण के बाद हमें अब पुनर्वास के सवाल पर विचार करना होगा। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और कहा कि विध्वंस सुबह 10.30 बजे शुरू होना था, लेकिन अधिकारियों ने इसे सुबह 10 बजे शुरू किया और रैन बसेरों को ध्वस्त कर दिया गया।

भूषण ने कहा कि 50 से अधिक लोग रैन बसेरा का लाभ उठा रहे थे। जब उन्होंने कहा कि विध्वंस किया जा चुका है, तो पीठ ने टिप्पणी की और कहा कि इस चरण में अब कुछ नहीं किया जा सकता है। यदि इसे ध्वस्त कर दिया गया है, तो हमें अब पुनर्वास के प्रश्न पर विचार करना होगा। 

शीर्ष अदालत ने कहा कि तात्कालिकता का तत्व खत्म हो गया है।  भूषण ने शुरू में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया। उन्होंने पीठ को बताया कि पहले बेघर लोगों से संबंधित मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस आर भट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ करती थी।

सीजेआई ने कहा कि न्यायमूर्ति भट आज उपलब्ध नहीं थे और उन्हें न्यायमूर्ति दत्ता की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख करने की स्वतंत्रता दी गई। भूषण न्यायमूर्ति रॉय की अध्यक्षता वाली पीठ के पास उस समय पहुंचे, जब उनके समक्ष सूचीबद्ध एक मामले की सुनवाई कर रही थी। भूषण ने पीठ से कहा कि कुछ बहुत जरूरी काम हो गया है। बीच में आने के लिए मुझे खेद है। यह बेघर होने का मामला है। यह एक रैन बसेरा का मुद्दा है। 

भूषण ने शीर्ष अदालत को बताया कि वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए बिना एक रैन बसेरे को अभी गिराया जा रहा है।  अधिकारियों ने विध्वंस को पहले ही शुरू कर दिया था। यह सुबह 10.30 बजे शुरू होना था, लेकिन यह आज सुबह 10 बजे ही शुरू हुआ। 

पीठ ने उनसे दूसरे पक्ष के वकील को बुलाने को कहा ताकि मामले की सुनवाई की जा सके। भूषण ने कहा कि उन्हें सूचित किया जा रहा है कि साइट पर विध्वंस हुआ है। उन्होंने पीठ से कहा कि बेघर लोगों से संबंधित मामला 22 फरवरी को सुनवाई के लिए आने वाला है और सराय काले खां में रैन बसेरा गिराने से संबंधित मुद्दे पर उनके आवेदन पर उसी दिन सुनवाई की जाएगी।

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