डेरेक ओब्रायन शेष शीतकालीन सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन बाकी बची शीतकालीन सत्र की पूरी कार्यवाही से निलंबित किए जाने वाले 13वें सांसद बन गए हैं।

उन्होंने कथित तौर पर मंगलवार को सदन में निर्वाचन अधिनियम (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान चेयर की ओर राज्यसभा नियमावली फेंकी थी।

उस समय चेयर पर सस्मित पात्रा थे, जिन्होंने ओब्रायन द्वारा कुर्सी की ओर राज्यसभा नियमावली फेंकने के कृत्य की निंदा की, जो किसी भी अधिकारी को चोट पहुंचा सकती थी। पात्रा ने कहा कि तृणमूल नेता के आचरण ने सदन के नेता के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।

टीएमसी सांसद ने यह कदम तब उठाया, जब चेयरमैन की ओर से सदन में अव्यवस्था का हवाला देते हुए वोटिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया था। सत्तारुढ़ दल ने ब्रायन की इस हरकत की निंदा की थी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई थी।

सरकार को मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और भाजपा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ब्रायन ने सेक्रेटरी जनरल पर नियम पुस्तिका फेंक दी।

सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, हमने सोचा था कि विपक्ष कुछ सबक सीखेगा, लेकिन वही बात दोहराई गई है।

गोयल ने कहा कि ब्रायन ने नियम पुस्तिका फेंक दी और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। गोयल ने 12 निलंबित सांसदों से माफी मांगने को भी कहा।

इस दौरान भूपेंद्र यादव ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा कि विपक्ष बार-बार चेयर पर सवाल उठा रहा है, लेकिन नियम कहते हैं कि चेयर का फैसला सभी पर बाध्यकारी है।

राज्यसभा से निलंबित होने के बाद डेरेक ने ट्वीट किया, आखिरी बार मुझे जब राज्यसभा से कृषि कानूनों को सरकार द्वारा जबरदस्ती पारित कराए जाने के दौरान निलंबित किया गया था और हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ था। आज, मुझे भाजपा के खिलाफ विरोध करते हुए निलंबित कर दिया गया है। भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है और चुनाव सुधार कानून को जबरन पारित करवा रही है। उम्मीद है कि ये बिल भी सरकार को जल्द वापस लेना पड़ेगा।

इससे पहले उच्च सदन ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान सदन में हंगामा करने पर 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।

निलंबित सांसद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा और शिवसेना के हैं।

निलंबित सांसदों में कांग्रेस के सैयद नासीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा और राजमणि पटेल, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई, माकपा से एलाराम करीम, भाकपा से बिनॉय विश्वम और तृणमूल से डोला सेन और शांता छेत्री शामिल हैं।

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