पहाड़ से मैदान तक भारी बारिश से तबाही, इन राज्यों में ‘रेड अलर्ट’

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुंच गया है. दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव की वजह से 50 से ज्यादा जगहों पर ट्रैफिक प्रभावित है. तो वहीं, हिमाचल में बाढ़ और बारिश ने कहर बरपा दिया है. अब तक कम से कम तीन पुल टूट चुके हैं. हिमाचल प्रदेश से कई इलाकों से हाहाकारी तस्वीरें सामने आई हैं. हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी विकराल रूप धारण कर चुकी है. उत्तर भारत में हिमाचल ही सबसे ज्यादा प्रभावित है.

उत्तर भारत के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश जारी है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई जगहों पर भूस्खलन और भारी बारिश के कारण 18 लोगों की मौत हो गई. दिल्ली में यमुना सहित देश के उत्तरी क्षेत्र में कई नदियां उफान पर हैं, जिससे दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कई शहरों और कस्बों में सड़कें और आवासीय क्षेत्र घुटनों तक पानी में डूब गए और रिकॉर्ड बारिश के चलते निकाय व्यवस्था पंगु नजर आई.

कई राज्यों में बारिश का रेड अलर्ट: मौसम विभाग ने दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र दिल्ली के प्रमुख चरण सिंह ने कहा कि अगले 2 दिनों तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना है. इसके साथ पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान में भी अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लिए अलर्ट जारी किया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी और पूर्वी राजस्थान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. हमने दिल्ली में अगले 24 घंटों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इस सप्ताह भारी बारिश हुई, जिससे जलभराव हो गया और कई क्षेत्रों में यातायात ठप हो गया. रविवार तड़के ग्रामफू गांव और छोटा धर्रा में अचानक बाढ़ और भूस्खलन हुआ.

अगले 24 घंटों के दौरान मौसम का पूर्वानुमान: अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, तटीय कर्नाटक, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम, असम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. उत्तर पूर्व भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, लद्दाख, आंतरिक महाराष्ट्र, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश संभव है. तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में हल्की बारिश संभव है.

दिल्ली में बारिश का रिकॉर्ड टूटा: जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकारियों ने यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर चेतावनी दी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में साल 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, रविवार सुबह 8:30 बजे तक 24 घंटे में दिल्ली में जहां 153 मिमी बारिश हुई, वहीं हरियाणा के चंडीगढ़ और अंबाला में क्रमशः 322.2 मिमी और 224.1 मिमी रिकॉर्ड बारिश हुई.

दिल्ली-एनसीआर में स्कूल बंद: गाजियाबाद में बारिश के कारण दो दिन और उसके बाद ‘कांवड़ यात्रा’ के कारण 17 जुलाई तक स्कूल बंद रहेंगे. भारी बारिश के कारण गुरुग्राम के कई हिस्सों में गंभीर जलजमाव और यातायात जाम हो गया. प्रशासन ने कॉरपोरेट घरानों को सोमवार को घर से काम करने और स्कूलों को छुट्टी की घोषणा करने की सलाह दी. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे. राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव के कारण यातायात संबंधी दिक्कतें पैदा हुईं और लोगों को जलमग्न सड़कों से गुजरना पड़ा.

हिमाचल प्रदेश में 50 साल का रिकॉर्ड टूटा: मौसम कार्यालय शिमला की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक सोलन में रविवार को 135 मिमी बारिश हुई, जिससे 1971 में एक दिन में 105 मिमी बारिश का 50 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया, जबकि ऊना में 1993 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई. अधिकारियों के मुताबिक, सामान्य जनजीवन ठप होने के कारण दिल्ली और इसके आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) शहरों गुरुग्राम और नोएडा में स्कूल सोमवार को बंद रहेंगे.

शिमला जिले के कोटगढ़ इलाके में भूस्खलन के चलते एक मकान के ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, जबकि कुल्लू और चंबा जिलों से एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना है. हिमाचल प्रदेश आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में चौदह बड़े भूस्खलन और अचानक बाढ़ की 13 घटनाओं की सूचना मिली है, जबकि 700 से अधिक सड़कें बंद कर दी गई हैं.

पर्वतीय राज्यों में अचानक आई बाढ़ से कई लोग फंस गए. हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में लगभग 200 लोग फंस गए और ब्यास नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया। अचानक बाढ़ से भूस्खलन और भू-धंसाव के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के गांवों तक सड़क मार्ग से पहुंचना मुश्किल हो गया है. हिमाचल प्रदेश में, मनाली में दुकानें बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में नालों में उफान से वाहनों के बह जाने की भी सूचना मिली हैं.

रेल सेवाएं प्रभावित: भारी बारिश से रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. उत्तर रेलवे की ओर से जारी किए गये बयान के मुताबिक भारी बारिश के कारण लगभग 17 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं और लगभग 12 अन्य का मार्ग बदला गया है. जलभराव के कारण चार स्थानों पर यातायात रोक दिया गया है. हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश के पूर्वानुमान को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. राज्य में भूस्खलन की तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई.

उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही: उत्तराखंड में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास भूस्खलन के चलते एक जीप के नदी में गिरने से तीन तीर्थयात्री गंगा में डूब गए. राज्य आपदा मोचन बल और पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि जीप में 11 लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि पांच लोगों को बचा लिया गया है, जबकि तीन अन्य की तलाश जारी है और बचावकर्मियों ने तीन शव बरामद कर लिए हैं. काशीपुर इलाके में दो मकान गिरने से एक दंपती की मौत हो गई और उनकी पोती घायल हो गई.

जम्मू-कश्मीर में रेड अलर्ट: जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले में एक यात्री बस के भूस्खलन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई. केंद्रशासित प्रदेश के पुंछ जिले में शनिवार को डोगरा नाला पार करते समय अचानक आई बाढ़ में बहे दो सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. श्रीनगर में भारी बारिश से कुछ राहत मिली और तीन दिन तक निलंबित रहने के बाद रविवार को पंजतरणी और शेषनाग आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई. जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों के साथ-साथ लद्दाख से भी हिमपात की खबरें हैं, जहां भारी बारिश को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. नदियों में जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के साथ जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के साथ ही निचले जलग्रहण क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है.

पंजाब-हरियाणा में भारी बारिश: पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में भारी मॉनसूनी बारिश के कारण निचले इलाकों में बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया और बाढ़ आ गई, जिससे सबसे अधिक प्रभावित स्थानों पर अधिकारियों को कार्रवाई में जुटना पड़ा. पंजाब सरकार ने मंत्रियों, उपायुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और अन्य संबंधित अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. हरियाणा में तीन नदियां मारकंडा, घग्गर और टांगरी के खतरे के निशान के करीब बहने के बीच बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.

भारी बारिश के उत्तर-प्रदेश के कई जिले प्रभावित: उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश होने की खबर है. कौशांबी में रविवार को बारिश के कारण घर के टिन शेड पर पेड़ की शाखा गिरने से 10 वर्षीय एक लड़की की मौत हो गई. वहीं, मुजफ्फरनगर में भारी बारिश के कारण घर की छत गिरने से एक महिला और उसकी छह साल की बेटी की मौत हो गई. बलिया में शनिवार को बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए. राजस्थान में कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई जबकि कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि जुलाई के पहले आठ दिनों में भारत के कई हिस्सों में हुई भरपूर बारिश ने पूरे देश में बारिश की कमी को पूरा कर दिया है. मॉनसून के मौसम में कुल वर्षा 243.2 मिमी तक पहुंच गई है, जो सामान्य 239.1 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है. पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में बारिश में 17 प्रतिशत (सामान्य 454 मिमी के मुकाबले 375.3 मिमी) की कमी दर्ज की गई है, जबकि उत्तर भारत में 59 प्रतिशत अधिक बारिश (सामान्य 125.5 फीसदी के मुकाबले 199.7 मिमी) दर्ज की गई है. मध्य भारत, जहां बड़ी संख्या में किसान मॉनसूनी बारिश पर निर्भर हैं, वहां सामान्य 255.1 मिमी की तुलना में 264.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो चार प्रतिशत अधिक है. दक्षिण भारत में वर्षा की कमी 45 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत रह गई है.

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