यहां किसी को घेरने नहीं आए, कुर्सी हमारा लक्ष्य नहीं: जयपुर में बोले नड्डा

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को जयपुर में स्व. सुंदर सिंह भंडारी जी की जन्म शताब्दी पर स्मारिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुंदर सिंह भंडारी जी भारतीय जनसंघ की नींव रखने वाले प्रथम पंक्ति के और प्रथम पीढ़ी के नेता थे। उन्होंने भारतीय जनसंघ को और भाजपा को अपना जीवन देकर पार्टी को वर्तमान स्थिति में लाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य के प्रति समर्पित, आदर्श जीवन और कुशल संगठक के रूप में मैंने उन्हें देखा है। संगठन को गढ़ना, हर बारीकी को समझना और अपनी बात को स्पष्टता से रखना उनकी विशेषता थी। 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एक बैठक में कहा था कि कोई भी ये न समझे कि कोई भी सांसद और विधायक पर्मानेंट है। यह संगठन का निर्णय है। सीटिंग एंड गेटिंग प्रिंसिपल नहीं है। ये वाक्य अभी भी मेरे कान में गूंजते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का आज का ये उत्कर्ष ऐसे ही नहीं आया है। चार-चार पीढ़ियों ने खुद को खपा दिया, उसके माध्यम से आज हम यहां खड़े हैं। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आप भाजपा के पहले के बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं का इतिहास खंगालिए, ये सब लोग वो थे, जिनके पास पाने को कुछ नहीं था और खोने के लिए सब कुछ था। तब उन्होंने विचार को आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि नमो ऐप पर कमल पुष्प में सारे देश के कार्यकर्ताओं का मोदी जी ने संग्रह किया है, उनके इतिहास के विषय में लिखा है कि किस तरह उन्होंने पार्टी को खड़ा किया। ये सब लोग वो थे जिनको पाने के लिए कुछ नहीं था और खोने के लिए सबकुछ था, तब उन्होंने विचारधारा को आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि 80 का दशक हमारे लिए ऐसा था, जब हम लोग मन में सोचते थे कि क्या हम सफल होंगे या नहीं। 90 का दशक ऐसा था कि हां, हम सफल हो सकते हैं। 90 के दशक के अंत में हमने कहा कि हम सफल हो गए हैं। हम यहां किसी कुर्सी को घेरने नहीं आये हैं। कुर्सी हमारा लक्ष्य नहीं बल्कि माध्यम है। देश को आगे ले जाने के लिए सत्ता हमारा माध्यम है। हमारे जेहन में एक बात रहनी चाहिए कि हम परिवर्तन के उपकरण हैं। ये जोश और जज्बा एवं ताकत जीवन के अंतिम सांस तक रहेगी, इस प्रण के साथ हमें काम में जुटना है। 

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम सब सुंदर सिंह भंडारी जी से प्रेरणा लेकर अगर अपना जीवन लगा दें, तो शायद हम ये मान लेंगे कि हमारी जीवन सार्थक है। मैं युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से आग्रह करूंगा कि सुंदर सिंह भंडारी जी की जीवनी को गहराई से जानना, समझना आपका उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम आए हैं एकात्मवाद की तृष्णा को संतृप्त करने के लिए। हम आए हैं अंत्योदय के लिए। हम आए हैं सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के लिए। यही है एकात्म मानववाद और अंत्योदय, यही है हमारा उद्देश्य।

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