दक्षिण पश्चिमी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर और उनकी कमांड के दूसरे शीर्ष अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल के बीच जिम्मेदारियों को लेकर मतभेद सामने आए थे। भारतीय सेना ने मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया। इससे पहले सितंबर 2020 में नरवणे ने इन दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच आई दरार को दूर करने की जिम्मेदारी एक सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल को दी थी।