सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह को जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने मंगलवार को छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को जमानत देने का आदेश दिया। आप नेता को मिली जमानत के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस फैसले की सराहना की। साथ ही इस दिन को भारतीय लोकतंत्र में एक बड़ा मील का पत्थर बताया।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संजय सिंह को बेल सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने दी है। जमानत को देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने जो प्रश्न केंद्र सरकार के वकील से पूछे उनके जवाब उनके पास नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा एक आदमी है दिनेश अरोड़ा। उसके एक दो बार नहीं दस बार अलग-अलग बयान दर्ज किए गए। सभी बयानों में उसने संजय सिंह का कोई जिक्र नहीं किया।आपने (ईडी) उसे अरेस्ट किया, उसको सरकारी गवाह बनाया, फिर आपने उसे दोबारा अरेस्ट किया।
फिर आप उसका 11वां बयान लेते हैं, जिसमें वह संजय सिंह के विरोध में गोलमोल बयान दे देते हैं। अब यह कौन तय करेगा कि पहले दिए गए 10 बयान गलत थे और 11वां बयान सही है। दूसरा सवाल सुप्रीम कोर्ट ने किया कि इस पूरे मामले में मनी ट्रेल कहां है? पैसे की रिकवरी कहां है? पैसा अगर कहीं खर्च हुआ है तो आप बताइए। जो आपके गवाह हैं वो विश्वास योग्य नहीं हैं। जिसने पैसे दिए वो नहीं बोल रहा है, जिसने पैसे लिए वो नहीं बोल रहा है। तो यह पूरा का पूरा केस डगमगाने लगा।
कोर्ट ने ईडी से पूछा था सवाल
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि क्या संजय सिंह को और कुछ समय के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है? सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की हिरासत की जरूरत है तो लंच ब्रेक के बाद इससे उसे अवगत कराया जाए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा था कि आप नेता संजय सिंह छह महीने जेल में बिता चुके हैं और उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इन आरोपों की जांच ट्रायल के दौरान की जा सकती है।