दिव्यांगों को घर पर लगेगी वैक्सीन: स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्र सरकार लाचार लोगों और अत्यधिक दिव्यांगता का सामना करने वालों के लिए घर-घर जाकर कोरोना के खिलाफ टीकाकरण की सुविधा के लिए मोबाइल वैक्सीनेशन टीम भेज रही है. इसके लिए उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हर जिले में इस तरह के लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने 22 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा है और इस संबंध में जवाब का इतजार कर रहा है. यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हलफनामे में मुहैया कराई है.

दरअसल, एनजीओ इवारा फाउंडेशन की और से एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्राप्त करने में आसानी की मांग की गई थी. इस याचिका में मांगी गई प्रार्थनाओं में से एक दिव्यांग व्यक्तियों के घर-घर टीकाकरण को सक्षम बनाना था, जिन्हें CoWIN डिजिटल इंटरफेस या कोविड -19 टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई होती है.

केंद्र सरकार ने कहा, ‘घर पर टीकाकरण की अपनी रसद और चिकित्सा जटिलताएं हैं.’ 22 सितंबर को जारी अपनी एडवाइजरी में केंद्र ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को “ऐसे सभी संभावित लाभार्थियों और उनकी देखभाल करने वालों की एक लाइन-सूची” तैयार करने व जिला स्तर पर इस सूची को एकत्रित करने के लिए कहा है. इस जानकारी के एकत्र होने के बाद केंद्र ने कहा कि मोबाइल टीकाकरण टीमों का उपयोग करके ऐसे सभी लाभार्थियों को उनके निवास स्थान पर टीकाकरण की सुविधा, रसद और चिकित्सा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मामले के आधार पर सर्वोत्तम प्रयास किए जाएंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कार्यान्वयन की निगरानी को लेकर हर जिले में एक नोडल अधिकारी भी नामित किया गया है.

‘विकलांग लोगों के घरों के पास टीकाकरण केंद्रों की व्यवस्था की गई’

जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने शनिवार को जनहित याचिका पर सुनवाई की, जहां अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी केंद्र की ओर से पेश हुईं. भाटी ने अदालत को बताया किया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और विकलांग लोगों के घरों के पास कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों की व्यवस्था की गई थी. एएसजी भाटी ने कहा कि इस योजना के तहत 27 मई (जब योजना शुरू की गई थी) से 27 सितंबर तक चार महीने की छोटी अवधि में लगभग 17.26 करोड़ वैक्सीन खुराक दी गई हैं. याचिकाकर्ता संगठन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता पंकज सिन्हा ने विकलांग व्यक्तियों की पहचान करने के लिए CoWIN या कोविड टीकाकरण केंद्रों के तहत कोई तंत्र नहीं होने पर विकलांग व्यक्तियों के टीकाकरण के आंकड़ों पर सवाल उठाया.

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