एनजीटी और केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के कारण,हरियाणा सरकार घटाएगी एनसीआर का दायरा

एनजीटी के नोटिस और केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के कारण आ रही परेशानियों को देखते हुए हरियाणा सरकार एनसीआर का दायरा घटाएगी। दिल्ली में राजघाट को केंद्र मानते हुए नया हिस्सा तय किया जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है। सरकार ने 50 किलोमीटर और 100 किलोमीटर रेडियस का प्रस्ताव दिया है। यह भी तर्क है कि एनसीआर के क्षेत्र का चयन जिग जैग (टेढ़ा-मेढ़ा) नहीं हो सकता। इसे सर्कुलर होना चाहिए। एनसीआरपीबी ने सरकार की बात पर गौर किया है। अन्य राज्यों से भी विचार विमर्श किया है। 

एनसीआर का बढ़ा हुआ क्षेत्र सरकार के लिए फायदा कम और सिरदर्द अधिक साबित हो रहा है। आए दिन एनजीटी के नोटिस आते हैं। स्क्रैप पॉलिसी के तहत 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को एनसीआर में जब्त करने का नियम है। लिहाजा अब एनसीआर का दायरा घटाने में ही सरकार को अक्लमंदी लग रही है। अभी भिवानी, दादरी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, मेवात, जींद और करनाल के असंध समेत प्रदेश के 13 जिले एनसीआर में शामिल हैं।

हिसार एनसीआर में शामिल नहीं है। सरकार का यह भी कहना है कि हाईवे जहां तक लिया जाना है वह ले लिया जाए, उसमें कोई आपत्ति नहीं है। एनसीआरपीबी चाहे तो हाईवे अंबाला तक ले ले। 50 किलोमीटर की रेडियस के हिसाब से देखा जाए तो केएमपी के थोड़ा ऊपर का एरिया एनसीआर में आता है। वहीं,100 किलोमीटर के दायरे में अधिक क्षेत्र आएगा, जिसमें भिवानी जींद सहित घरौंडा भी शामिल होगा।

सरकार की यह भी योजना
हरियाणा सरकार इस साल के अंत तक गुरुग्राम जिले से पांच हजार डीजल ऑटो को सड़कों से हटाएगी। पर्यावरण संरक्षण व बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इनके स्थान पर सरकार ई-ऑटो चलवाएगी। इसके लिए डीजल ऑटो मालिकों को लोन भी दिया जाएगा। इसके अलावा पुराने डीजल ऑटो के स्क्रैप के तौर पर तीस हजार रुपये सरकार दिलाएगी। सुप्रीम कोर्ट के एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण कम करने के आदेशों के बाद सरकार ने इस पर काम शुरू किया है। ई-ऑटो से वायु प्रदूषण भी नहीं होगा और ऑटो चालकों को बचत अधिक होगी। इससे वे नए ऑटो की किस्तें आसानी से भर सकेंगे। 

वर्तमान में यह है स्थिति
वर्तमान में यह स्थिति है कि तोशाम, भिवानी, महेंद्रगढ़ और बाढड़ा में पाबंदियां अधिक हैं, लेकिन फायदे कुछ नहीं है। एनसीआर क्षेत्र में आने वाले एनजीटी के नोटिस इन जिलों तक प्रभावी होते हैं। हुड्डा सरकार ने जाते-जाते एनसीआर का दायरा बढ़ाया था। लोगों के हित को देखते हुए अब इस दायरे को कम करना गठबंधन सरकार की मजबूरी बनता जा रहा है।
हरियाणा में एनसीआर का दायरा कम किया जाएगा। विदेशों में भी नए शहर गोलाकार ढंग से विकसित होते हैं। मेरा मानना है कि एनसीआर भी इसी तरह से विकसित हो। इसके तहत तीन राज्य मिलकर केंद्र के साथ फैसला लेंगे। हमें यह देखना है कि आबादी क्या है और ढांचागत विकास कैसे हो सकता है। हमने दो प्रस्ताव दिए हैं एक 50 किलोमीटर रेडियस और एक 100 किलोमीटर रेडियस का है।

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