भूकंप: जम्मू संभाग में फिर लगे भूकंप के झटके, नौ घंटे में चार बार डोली धरती

जम्मू संभाग में बुधवार एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार बुधवार को करीब नौ घंटे में चार बार धरती में कंपन रिकॉर्ड की गई। इससे पहले मंगलवार दोपहर को जम्मू-कश्मीर समेत हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़ में भूकंप आया, जिसका केंद्र डोडा रहा। मंगलवार को प्रदेश में आए भूकंप के झटकों से कई इमारतों में दरारें आ गईं। मलबा गिरने से पांच लोग घायल हुए हैं, जिनमें 10वीं कक्षा की दो छात्राएं भी शामिल

सुबह 7.56 पर डोडा में फिर 3.5 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए। इसके बाद किश्तवाड़ में सुबह 8 बजकर 29 मिनट पर 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इसका उपरिकेंद्र पांच किलोमीटर की गहराई में था।

भद्रवाह के अस्पताल की छत का प्लास्टर गिरा, मरीज बाल-बाल बचे

मंगलवार को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 दर्ज की गई। अधिकारी भूकंप से हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। भूकंप के झटके डोडा, किश्तवाड़, रामबन, उधमपुर, रियासी, राजोरी, पुंछ, जम्मू, कठुआ, सांबा, श्रीनगर में प्रमुखता से महसूस किए गए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने कहा कि मंगलवार दोपहर 1:33 बजे भूकंप आया। इसका केंद्र चिनाब घाटी के डोडा जिले में जमीन के करीब छह किलोमीटर नीचे था। डोडा जिले के भद्रवाह शहर में झटके के कारण कुछ इमारतों में दरारें आ गईं। गंदोह के अनुमंडलीय अस्पताल के एक वार्ड की छत गिर गई। कुछ मलबा अस्पताल के वार्ड में इलाज करा रहे मरीजों पर गिरा। सभी मरीजों को सुरक्षित निकाल कर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। घाटा भद्रवाह निवासी अजीम मलिक ने बताया कि भूकंप के झटकों से उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया, घर में दरारें आ गई हैं।

स्कूल छोड़ खेतों में पहुंच गए बच्चे

किश्तवाड़ जिले के बिनून ज्वालापुर स्थित ब्वॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल की इमारत में दरारें आ गईं जबकि कई कमरों का प्लास्टर उखड़ गया है। हालांकि किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। सभी बच्चे सुरक्षित हैं। भद्रवाह घाटी के खेतों में दहशत से घिरे स्कूली बच्चे जमा हो गए, वे सिसक रहे थे। इस दौरान शिक्षक उनको सांत्वना देते नजर आए। भद्रवाह में पीडब्ल्यूडी कार्यालय के भवन को भी नुकसान पहुंचा है।

उधमपुर में 50 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा

भूकंप के झटकों के बीच कई स्कूलों की इमारतों से प्लास्टर गिरने लगा। इसी बीच तहसील खैरा की सरकारी मिडिल स्कूल जौड़ा खुर्द की 10 कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा इंशा बानो और आसिया घायल हो गईं। दोनों को सीएचसी थाथरी में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया है।

डोडा और भद्रवाह में आरएंडबी कार्यालय में काम कर रही महिला कर्मचारी प्लास्टर गिरने से घायल हो गई। गंदोह के अनुमंडलीय अस्पताल के एक वार्ड की छत गिरने से इलाज करा रहे मरीज घायल हुए हैं। उधमपुर में 50 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है। कठुआ के बनी में भी छह स्कूलों की दीवारों में दरारें आई हैं और और एक कच्चे मकान की छत गिर गई।

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भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकराना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता का क्या अर्थ है?

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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