सरकार के आठ मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर बोला हमला- घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश से माफी मांगे विपक्ष

राज्‍यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के मामले पर अब सरकार और विपक्ष में वार-पलटवार चल रहा है. विपक्ष के आरोपों पर आठ केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके पलटवार किया है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा क‍ि देश की जनता चाहती है कि उनसे जुड़े मुद्दों को संसद में उठाया जाए. जबकि विपक्ष अराजकता पर उतारू रहा. विपक्ष को इस समय घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने पहले ही फैसला कर लिया था कि संसद को चलने नहीं देना है. नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं होने दिया. वहीं, महत्‍वपूर्ण बिलों पर चर्चा भी नहीं होने दी. हम राज्‍यसभा के सभापति से मांग करते हैं क‍ि सदन में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई होनी चाहिए.

सरकार की ओर से प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन मेघवाल और वी. मुरलीधरन मौजूद रहे.

सरकार का विपक्ष पर हमला

– विपक्ष पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि कोरोना, कृषि कानूनों और महंगाई पर सरकार चर्चा के लिए तैयार थी. लेकिन विपक्ष पेगासस पर चर्चा के लिए अड़ा रहा.
– वर्ष 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार ने दर्जनों बिल बिना चर्चा के पास कराए. जबकि हमने चर्चा करने की कोशिश भी की.
– जिन 6 सांसदों को सस्‍पेंड किया गया था, वह शीशा तोड़कर सदन के अंदर आना चाहते थे. इस दौरान महिला मार्शल को भी चोट लगी थी.
– वीडियो फुटेज में यह साफ है कि लेडी मार्शल से महिला सांसदों ने धक्‍का-मुक्‍की की थी.
– हंगामे के दौरान सदन के जो 30 सुरक्षाकर्मी हैं, वही मौजूद थे. कोई भी बाहर का सुरक्षाकर्मी सदन में नहीं आया.

हंगामे का कारण

विवादास्पद सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को बुधवार को राज्यसभा में हंगामे के बीच पारित किया गया. जबकि विपक्ष विधेयक को एक प्रवर समिति को भेजने की मांग कर रहा था. विधेयक को एक प्रवर समिति को भेजने की मांग पर पूरा विपक्ष एकजुट था. वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि इस कानून के व्यापक प्रभाव को समझने के लिए इसे एक प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए. कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन और टीडीपी सांसद के. रवींद्र कुमार ने भी सरकार से विधेयक को एक प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया. आरडेडी सांसद मनोज के झा ने कहा कि पूरा देश यहां लोकतंत्र की हत्या देख रहा है. “मैं अध्यक्ष से भी पूछता हूं कि आप कैसे सा होने दे सकते हैं.”

राज्यसभा में बुधवार को हालात उस समय ज्यादा बिगड़ गए जब हंगामा कर रहे विपक्षी सासंदों को रोकने के लिए मार्शलों की मदद लेनी पड़ी. सीसीटीवी फुटेज में मार्शल विपक्षी सांसदों का वेल में जाने का रास्ता रोकते नजर आ रहे है और सांसद मार्शलों से बहस कर रहे हैं. हालांकि बाद में हंगामा बढ़ गया और बहस धक्का-मुक्की में बदल गई.

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