बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के मोबाइल में मिले आठ पाकिस्तानी नंबर

बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान के मोबाइल से बड़ा खुलासा हुआ है। उसके मोबाइल में दो दर्जन विदेशी नंबर मिले हैं। इनमें से आठ नंबर पाकिस्तान के हैं। पुलिस व जांच एजेंसियां पता कर रही हैं कि आखिर पाकिस्तान के ये नंबर किन-किन लोगों के हैं। ये लोग डॉ. रिजवान के रिश्तेदार व परिचित हैं या फिर पाकिस्तानी किसी एजेंसी के लोगों के हैं। इसकी तफ्तीश में वक्त लगेगा, क्योंकि खुद रिजवान ने इस संबंध में मुंह नहीं खोला था।

पुलिस ने 11 दिसंबर को डॉ. रिजवान व उसके परिवार को गिरफ्तार किया था। खुलासा किया था कि यह सभी अवैध तरीके से शहर में रह रहा था। सपा विधायक इरफान सोलंकी व पार्षद रहमान ने बांग्लादेशी नागरिकों के दस्तावेजों का सत्यापन किया था। इसलिए पुलिस ने इन दोनों को भी मामले में आरोपी बनाया था। पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए थे। पुलिस सूत्रों के सुरक्षा एजेंसियां डॉ. रिजवान से मिले नंबरों की पड़ताल कर रही है।

मैसेज से बैंक खातों का हुआ खुलासा 
मोबाइल में पुलिस को बैंक से आए हुए मैसेज मिले। मैसेज से पता चला कि डॉ. रिजवान के दो बैंक खाते बांग्लादेश में हैं। जिसमें कुछ समय पहले 78 लाख की करेंसी (बांग्लादेशी करेंसी) आई थी। जिसमें से 25 लाख निकालकर वह भारत आया था। जांच एजेंसियां पता कर रही हैं कि आखिर ये रकम उसके खाते में कहां से आई थी। रिजवान ने अपने बयानों में रकम के बारे में बताया था कि उसने अपनी प्रॉपर्टी बेची थी। उससे मिली रकम खाते में गई थी। हालांकि जांच एजेंसियां इस थ्योरी पर यकीन नहीं कर रही हैं।

जांच का दायरा बढ़ेगा, रिश्तेदारों से होगी पूछताछ
डॉ. रिजवान के दो रिश्तेदारों के परिवार भारत में रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को अब तक मिली जानकारी के मुताबिक वह परिवार वैध तरीके से भारत में रह रहे हैं लेकिन एजेंसियां इसका सत्यापन करेंगी। इसके लिए जांच का दायरा बढ़ेगा। इन परिवारों से भी पूछताछ की जाएगी। इन परिवारों से बातचीत के सुबूत रिहान के मोबाइल से पुलिस को मिले। 

पार्षद रहमान पर रहम  
इस केस आरोपी पार्षद रहमान अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। तीन सप्ताह का समय लगभग बीतने वाला है लेकिन पुलिस उसको पकड़ नहीं सकी है। जानकारी के मुताबिक उसकी पैरवी में कई बड़े लोग लगे हैं, इसलिए उस पर थोड़ा पुलिस का रहम बरकरार है। पुलिस फरार आरोपियों का ना तो एनबीडब्ल्यू लिया है और न ही पकड़ने की कोई खास जद्दोजहद कर रही है।

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