आतंकी लतीफ का अंत: जम्मू की कोट भलवाल जेल में काटे 16 साल, अब पाक में हत्या

भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में शामिल शाहिद लतीफ को ‘छोटा शहीद भाई’ और ‘नूर अल दीन’ के नाम से भी जाना जाता रहा है। अब पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने आतंकी शाहिद की हत्या कर दी है। उग्रवादी शाहिद पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड के साथ कई अन्य साजिशों में शामिल था।

1993 में कश्मीर घाटी में लतीफ ने घुसपैठ की। एक साल बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह 2010 तक जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के साथ जम्मू की कोट भलवाल जेल में बंद रहा। रिहाई के बाद 2010 में उसे पाकिस्तान भेज दिया गया। वहां जाकर वह आतंकी साजिशों में शामिल हो गया।

41 साल के लतीफ के जम्मू-कश्मीर के कई आतंकियों से कनेक्शन थे। उसने प्रदेश में आतंकवादियों संगठनों के साथ मिलकर कई हमलों को अंजाम दिया। माना जाता है कि लतीफ जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर रहा। उसने पठानकोट आतंकी हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब पाकिस्तान के प्रांत पंजाब के शहर सियालकोट की एक मस्जिद में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इन साजिशों में था शामिल

दो जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें सात जवान शहीद हो गए थे। तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। शाहिद लतीफ आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख सदस्य था। उसने ही चारों आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में पाया गया था कि हमले को अंजाम देने के लिए भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के मास्टरमाइंड और आका सभी पाकिस्तान में स्थित थे। वहीं, लतीफ पर उन आतंकियों में भी शामिल होने का आरोप है, जिन्होंने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को अगवा किया था। शाहिद लतीफ पाकिस्तान के गुजरांवाला के अमीनाबाद कस्बे के मोर गांव का रहने वाला था। शाहिद लतीफ को जैश के लॉन्चिंग कमांडर के तौर पर जाना जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here