नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा वाणिज्यिक अदालतों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए गुजरात मॉडल अपनाने के राज्य सरकार के प्रयास के बारे में सूचित किये जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘गुजरात से हर कोई प्रभावित है।”
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद ने न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ को सूचित किया कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने अहमदाबाद और वडोदरा में अदालत परिसरों का दौरा किया है और वे (वहां की) सुविधाओं से प्रभावित हुए हैं। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हर कोई गुजरात से प्रभावित है।”
शीर्ष अदालत ने एएजी की इस दलील पर गौर किया कि उत्तर प्रदेश की अदालतों में गुजरात जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे और इसके लिए शुरुआत में 10 जिलों की पहचान की गई है। पीठ निचली न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे और अन्य बजटीय प्रावधानों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
शीर्ष अदालत ने पहले कहा था कि यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराये और वाणिज्यिक अदालतों और अन्य अदालत भवनों के लिए बजटीय प्रावधान करे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि निष्पादन याचिकाएं और व्यावसायिक विवादों से उत्पन्न मुकदमे दशकों से उत्तर प्रदेश में लंबित हैं और ये अंततः राज्य के आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकते हैं।