पंजाब में किसानों के द्वारा पराली जलाना बदस्तूर जारी है। वहीं बठिंडा के गांव बुर्ज महमा में किसानों को रोकने गए एक सरकारी अधिकारी से ही किसानों ने पराली जलवाई। इसका वीडियो भी बनाया गया जो वायरल हो गया। इस मामले में सीएम भगवंत मान ने कड़ा रुख अपनाया है।
मान ने इस पूरे मामले का वीडियो शेयर कर कहा-प्यारे पंजाबियों ये किस राह पर चल पड़े ??…सरकारी कर्मचारी पराली ना जलाने का संदेश लेकर गया पर उसी से आग लगवा दी…हवा को गुरु साहिब ने गुरु का दर्जा दिया…हम इस दर्जे को बर्बाद करने के लिए अपने हाथों में तीलियां लेकर अपने बच्चों के हिस्से की ऑक्सीजन को खत्म करने में लगे हैं…पर्चा दर्ज होने लगा है।
बठिंडा का एक्यूआई सबसे खराब
शुक्रवार को पंजाब में एक दिन में पराली जलने के 1551 मामले सामने आने के साथ ही सात शहरों की हवा स्वास्थ्य के लिहाज से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। शुक्रवार को राज्य के 7 शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 से 300 के बीच रहा, जबकि बठिंडा का एक्यूआई 338 के साथ बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया।
28 फीसदी फसल की कटाई बाकी
वहीं, चिंता की बात है कि सूबे में अब भी 28 फीसदी रकबे में धान की कटाई होना बाकी है। अमूमन अब तक हर साल इस समय तक पंजाब में करीब 92 प्रतिशत तक रकबे पर कटाई का काम हो चुका होता था।
पंजाब में खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह ने बताया कि इस साल कुल 32 लाख हैक्टेयर रकबे पर धान की रोपाई हुई है, जिसमें से अब तक 72 फीसदी रकबे पर कटाई हो पाई है। 28 फीसदी रकबे पर कटाई बाकी है। इनमें खास तौर से मुक्तसर, मानसा, बरनाला, संगरूर आदि जिले शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन जिलों के किसान लंबी अवधि वाली धान की किस्में जैसे पूसा-44 लगाते हैं।