किसान आंदोलन: खनौरी बॉर्डर से पकड़े युवकों को छोड़ने की मांग

दिल्ली कूच करने से पहले ही खनौरी बॉर्डर से पकड़े गए चिड़ी, मदीना व कथूरा के युवकों को पुलिस ने सात मार्च तक नहीं छोड़ा तो टिटौली धरनास्थल के किसान भी अन्य किसानों के साथ जींद डीसी व एसपी कार्यालय का घेराव करने पर मजबूर होंगे। पुलिस ने बिना किसी कसूर के ही युवकों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज किए हैं। टिटौली धरनास्थल से कथूरा महापंचायत में पहुंचे कुंडू खाप प्रधान जयवीर कुंडू ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए है। अन्य जिलों में भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने चल रहे है, लेकिन धरना शुरू होने से पहले ही पुलिस ने कुछ गांव के युवकों को अपने कब्जे में लेकर उन पर अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया है। सरकार पहले ही किसानों की मांगों को पूरा न कर उनके साथ अत्याचार कर रही है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करना चाहने है तो उसके लिए सरकार ने जवानों को लगाकर रास्ते तक रुकवा दिए है। किसान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार जवानों और किसानों को आमने-सामने कर रही है।

अलग-अलग गांव से किसान और महिलाएं धरनास्थल पर पहुंचे
टिटौली धरनास्थल पर शुक्रवार को अलग-अलग गांव से किसान व महिलाएं पहुंचे। किसानों का कहना है कि वह धरना समाप्त करने वाले नहीं है। आश्वासन के बावजूद सरकार किसानों के हक में कोई फैसला नहीं कर सकी है। इसी के चलते किसान दोबारा से दिल्ली कूच करने को मजबूर हैं।

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