बिजनौर में बाढ़ के प्रकोप से किसान बर्बाद

बिजनौर में गंगा खादर क्षेत्र के गांवों में बसे ग्रामीणों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जून से अब तक पांच बार गंगा की धार ग्रामीणों के खेतों से होते हुए घर तक पहुंची है। किसानों की गन्ना, चारा, धान व सरसों की फसल बर्बाद हो गई। किसानों व मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पशुओं का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है।

ब्लॉक जलीलपुर क्षेत्र के गांव सलेमपुर, मीरापुर सीकरी, रायपुर खादर, जलालपुर खादर, नारनौर, जमालुदीनपुर, दत्तियाना, सुजातपुर खादर, स्याली, मुजफ्फरपुर खादर, हुसैनपुर खासा, बसंतपुर, ठेट आदि के ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। इस वर्ष जून से अब तक पांच बार गंगा में उफान आने पर बाढ़ का पानी किसानों के खेतों व घरों तक पहुंच चुका है। रास्तों पर चार-पांच फीट तक पानी बहने से ग्रामीण घरों में कैद होकर रह जाते हैं। ग्रामीणों ने एक सुर में गंगा के किनारों पर गाइड बंध (बंधा) बनाने की मांग की है। शुक्रवार को आवागमन में कुछ राहत मिली है। वहीं जलीलपुर-सलेमपुर मार्ग पर सभी प्रकार के वाहन चलने लगे हैं। जलीलपुर-दत्तियाना मार्ग पर भी पानी कम हुआ है।


दो बार की गन्ने की बुवाई, हर बार बाढ़ ने उजाड़ दी
गांव रायपुर खादर के पूर्व प्रधान करतार सिंह ने बताया कि इस वर्ष 19 जून को पहली बार गंगा का पानी गांव तक आया था। तभी से नीचे खेतों में पानी भरा है। छोटा गन्ना पानी में डूब कर बर्बाद हो गया था। अक्तूबर में किसानों ने फिर से गन्ना और सरसों साथ-साथ बोया वह भी नष्ट हो गया। गंगा के किनारों पर बंधा बनाया जाए व अजदेव रायपुर खादर के बीच सड़क को ऊंचा किया जाए। 

खेतों में फसल खराब, पानी में डूब गए रास्ते : गुरविंदर सिंह
गांव मीरापुर सीकरी के किसान गुरविंदर सिंह ने बताया कि बार-बार गंगा का पानी आने फसल नष्ट हो रही है। किसानों के सामने आर्थिक संकट है। फसल बीमा का कोई लाभ नहीं मिलता। बीमा कंपनी कहती है कि गांव के सभी किसानों की फसल 60 प्रतिशत से ज्यादा नष्ट होने पर ही बीमा का लाभ मिलेगा। इस वर्ष खेतों में लगातार पानी भरा है। गंगा किनारे बंधा जल्दी बनाया जाना चाहिए। 

चारा तक लाने में हो रही परेशानी : दुष्यंत सिंह
गांव स्याली के किसान दुष्यंत सिंह ने बताया कि बार-बार गंगा का पानी आने किसान परेशान हैं। किसान खेत से पशु चारा नहीं ला पा रहे हैं। पशुओं का पेट भरना मुश्किल हो गया है। किसान की लाखों रुपये की फसल नष्ट होने पर ऊंट के मुंह जीरा जैसा मुआवजा मिलता है। वह भी सब को नहीं मिलता। एक हेक्टेयर फसल नष्ट होने पर अधिक से अधिक दो हजार रुपये तक मिल सकते हैं।

सारी फसलें हो गई खराब : कुलदीप सिंह
सुजातपुर खादर के किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि खेतों में लगातार पानी भरा है। गन्ना, धान, चारा सब फसल खराब हो गई हैं। किसानों के नुकसान का सहीं आकलन करा कर उचित मुआवजा दिया जाए।

खेत से घर तक पानी ही पानी, छत पर कट रहे दिन-रात : हरजीत कौर
गांव रायपुर खादर की गृहिणी हरजीत कौर ने बताया कि जब भी गंगा का पानी आता है उनके खेत व घर में पानी भर जाता है। घर में रखा भूसा, इंधन, उपले सब पानी में खराब हो गए हैं। बरसात और बाढ़ में जीवन मुश्किल हो जाता हैं। नीचे गंगा का पानी ऊपर से बरसात फिर भी छत पर गैस चूल्हा जलाकर खाना बनाती हैं।

कब पूरी होगी बंधा बनाने की मांग : कल्याण सिंह
गांव धींवरपुरा के किसान कल्याण सिंह ने सबसे पहले गंगा किनारे बंधा बनाने की मांग की है। कहा कि जब तक बंधा नहीं बनेगा किसान हर साल बाढ़ की मार झेलता रहेगा। खादर के जंगल में जून से अब तक पानी नहीं सूखा है।

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