लाठीचार्ज के विरोध में कल करनाल की सड़कों पर उतरेंगे किसान, इंटरनेट सेवा रहेगी बंद

हरियाणा सरकार ने मंगलवार को सीएम सिटी करनाल में आयोजित होने वाली किसान महापंचायत के आह्वान को देखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया है. सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार दोपहर 12.30 बजे से कल 7 सितंबर को रात 23.59 बजे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है. किसानों की मांगें न मानने पर इस पंचायत का आह्वान किया गया था. अब तक सरकार ने किसानों की मांगों पर विचार नहीं किया है, इसलिए पंचायत होगी. जिसे देखते हुए इंटरनेट बंद रखने का फैसला लिया गया है.

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कल करनाल जिला में जो किसान महापंचायत बुलाई गई है, उसमें जन सुरक्षा तथा कानून-व्यवस्था में व्यवधान हो सकता है. इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग जैसे मोबाइल एसएमएस (SMS), सोशल मीडिया (Social media) के माध्यम से झूठी अफवाहों का प्रसार हो सकता है. जिससे सार्वजनिक संपत्ति और सुविधाओं को नुकसान पहुंचाने की स्पष्ट संभावना है.

प्रवक्ता ने बताया कि करनाल जिले में सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा गृह विभाग के सचिव ने उक्त हालातों के मद्देनजर दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन का फैसला लिया है. सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा नियम, 2017 के नियम-2 के आधार पर प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए ऐसा किया गया है.

किन सेवाओं पर होगा असर

मोबाइल इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), ज्यादा मात्रा में एसएमएस सहित सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और सभी डोंगल सेवाएं आदि (वॉयस कॉल को छोड़कर) को निलंबित करने का आदेश दिया है. यह आदेश आज दोपहर 12.30 बजे से कल 7 सितंबर को रात 23.59 बजे तक लागू रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन जारी है. इसी को लेकर हरियाणा के करनाल स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा पर 28 अगस्त को किसानों और पुलिस में झड़प हुई थी. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया था. इसके बाद तत्कालीन एसडीएम आईएएस आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हो गया था. जिसमें वो किसानों का ‘सिर फोड़ने’ जैसा आदेश दे रहे थे. इस वीडियो पर मामला ज्यादा गरमा गया.

किसानों की मांग नहीं पूरी हुई

फिर लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने 30 अगस्त को करनाल के घरौंडा अनाज मंडी में बैठक की. यहां पर किसान नेताओं ने ‘सिर फोड़ने’ वाला बयान देने वाले एसडीएम को बर्खास्त कर उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की संयुक्त रूप से मांग की.

साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लाठीचार्ज के बाद मृतक किसान सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी दे. पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो. यही नहीं घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा मिले. इन मांगों को पूरा करने के लिए 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया. लेकिन मांगें अब तक पूरी नहीं हुईं. किसान नेताओं ने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत बुलाएंगे.

सरकार ने क्या किया?

खट्टर सरकार ने एसडीएम आयुष सिन्हा का तबादला कर दिया. लेकिन उन्हें बर्खास्त नहीं किया और न ही उन पर केस दर्ज किया. इसी तरह किसान सुशील काजल की मौत लाठीचार्ज के दौरान चोट लगने से होने से साफ इनकार कर दिया. पुलिस ने लाठीचार्ज में चोट की वजह से मौत की खबर को गलत बताया.

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