फारूक अब्दुल्ला ने परिसीमन आयोग के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जाने की घोषणा की

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि परिसीमन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि परिसीमन आयोग की कवायद का आधार ही गलत है। 

तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि सभी विपक्षी दल एक साथ आएं और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बर्बाद करने पर तुली हुई ताकतों से लड़ें। इस सप्ताह की शुरुआत में परिसीमन आयोग के साथ बैठक के दौरान हुई बातचीत के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया।

अब्दुल्ला ने कहा कि बैठक में हमारे द्वारा उठाया गया पहला बिंदु यह था कि आयोग अवैध है” क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित थी।  उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय आखिरकार जो कहेगा, वह उन (आयोग) पर भी बाध्यकारी होगा, ताकि स्थिति साफ हो।
 
उसके बाद उन्होंने अन्य मापदंडों का भी वर्णन किया। अब हम उच्चतम न्यायालय जाने की तैयारी कर रहे हैं। न्यायालय द्वारा पिछले परिसीमन आयोगों की सिफारिशों में हस्तक्षेप नहीं करने पर, अब्दुल्ला ने कहा कि वर्तमान आयोग का गठन जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त करने के बाद हुआ था, जिसे सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है और अभी तक इस पर कोई आदेश नहीं सुनाया गया है।

इसीलिए हम उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं। उधर पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 20 दिसंबर की परिसीमन आयोग की बैठक के बाद दावा किया था कि वह और अन्य नेकां सदस्य संतुष्ट हैं।

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