विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा। इस बीच चीन की करतूतों को लेकर नाराजगी भी जताई। अरिंदम बागची ने कहा कि यह हमारे संज्ञान में आया है कि चीन में एक अंतरराष्ट्रीय खेल के आयोजन में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे कुछ नागरिकों को स्टेपल वीजा जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है और हमने इस मामले पर अपनी सतत स्थिति को दोहराते हुए चीनी पक्ष के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी कार्रवाइयों पर उचित प्रतिक्रिया देने का अधिकार है। उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या अरुणाचल प्रदेश के कई खिलाड़ियों को स्टेपल वीजा जारी किया गया था।
बागची ने कहा, हमारी दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति यह है कि वैध भारतीय पासपोर्ट रखने वाले भारतीय नागरिकों के लिए वीजा व्यवस्था में अधिवास या जातीयता के आधार पर कोई भेदभाव या विशेषता-सूचक व्यवहार नहीं होना चाहिए।
अरिंदम बागची ने कहा कि पिछले साल बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया था और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने की आवश्यकता के बारे में बात की थी… मुझे लगता है कि विदेश मंत्री ने इसका उल्लेख किया था, शायद उन्होंने इसके दूसरे भाग का उल्लेख नहीं किया। उन्होंने शिष्टाचार के आदान-प्रदान के बारे में बात की और मुझे लगता है कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों या रिश्तों को स्थिर करने की आवश्यकता पर सामान्य चर्चा या बात हुई।
मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने पर हो रहा काम: बागची
अरिंदम बागची ने मणिपुर के मुद्दे पर कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, यह एक ऐसा मामला है जिस पर हमारे अधिकारी, विशेष रूप से वायरल वीडियो और वह घटना, जैसा कि आपने उल्लेख किया है, लेकिन अन्य घटनाएं भी हैं जिन पर हमारे अधिकारी अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।
वहीं, सतलुज नदी में बहकर एक भारतीय व्यक्ति के पाकिस्तान पहुंचने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने रिपोर्ट देखी हैं और इसके बारे में अधिक जानकारी जुटा रहे हैं।