अफगान संकट पर विदेश सचिव श्रृंगला ने यूरोपियन यूनियन के विशेष दूत संग की मुलाकात

विदेश सचिव (Foreign Secretary) हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने बुधवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) के लिए यूरोपियन यूनियन (European Union) के विशेष दूत टॉमस निकलासन (Tomas Niklasson) के साथ बातचीत की और अफगान संकट (Afghan crisis) पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि दोनों पक्ष अफगानिस्तान पर भारत और यूरोपियन यूनियन (India-European Union) के बीच जारी समन्वय को जारी रखने पर सहमत हुए.

अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अफगानिस्तान के लिए EU के विदेश दूत टॉमस निकलासन के साथ आज मुलाकात की. इस दौरान दोनों लोगों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की. श्रृंगला और निकलासन ने अफगानिस्तान में जारी संकट पर जारी समन्वय को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.’ वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी और हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर व्हाइट हाउस (White House) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अमेरिकी वरिष्ठ निदेशक सुमोना गुहा (Sumona Guha) के साथ बातचीत की.

वहीं, भारत युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आया है. भारत ने पिछले हफ्ते कहा कि वह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को गेहूं, जीवन रक्षक दवाओं सहित मानवीय सहायता पहुंचाने की रूपरेखा पर काम कर रहा है. कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान ने भारत को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की घोषणा की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस मामले में पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा है और इसकी रूपरेखा पर काम कर रहा है.

बागची ने कहा, हमने इस विषय पर 7 अक्तूबर के अपने प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया प्राप्त की है जिसमें अफगानिस्तान की जनता को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, जीवन रक्षक दवाओं सहित मानवीय सहायता प्रदान करने की बात कही गई थी. बागची ने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान की जनता के साथ खड़ा है, चाहे मानवीय सहायता पहुंचाने की बात हो या विकास संबंध मदद का विषय हो. उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहे हैं और उसके साथ इस संबंध में रूपरेखा तय करने को लेकर काम कर रहे हैं. हमारा मानना है कि मानवीय सहायता को शर्तो के दायरे में नहीं बांधा जाना चाहिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here