विदेश सचिव ने बताया- 2026 भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष; मैक्रों के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में राजकीय भोज

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, भारत और फ्रांस की द्विपक्षीय साझेदारी में जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी है, उस पर प्रमुखता से चर्चा की गई। विदेश सचिव ने बताया कि पीएम मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्राध्यक्ष के बीच फोकस वाले क्षेत्रों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों के हितों से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तार से बातचीत हुई। महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के बाद राष्ट्रपति मैक्रों गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए। 40 साल बाद गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई खास बग्घी पर सवार होकर कर्तव्य पथ पहुंचे मैक्रों ने भारत की सैन्य ताकत के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर की झलकियां भी देखीं।

स्वागत में पीएम मोदी का जयपुर दौरा खास घटना
विदेश मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार शाम राष्ट्रपति मैक्रों के सम्मान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रायसीना हिल्स पर स्थित राष्ट्रपति भवन में ‘एट होम सेरेमनी’ में भी मैक्रों का स्वागत करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू शाम को मैक्रों के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन भी करेंगी। उन्होंने बताया कि मैक्रों गुरुवार शाम राजस्थान की राजधानी जयपुर पहुंचे और खुद पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। ये आगवानी की दुर्लभ घटना रही जहां प्रधानमंत्री ने दूसरे राज्य में जाकर किसी राष्ट्राध्यक्ष की मेजबानी की।

मैक्रों और मोदी के बीच इस्राइल हमास युद्ध पर भी बात हुई
क्वात्रा ने कहा, राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी के बीच भारत-फ्रांस द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा के अलावा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हो रही अहम घटनाओं पर भी बातें हुईं। स्वाभाविक रूप से, गाजा में चल रहे संघर्ष और युद्ध के अलग-अलग आयामों के साथ-साथ आतंकी घटनाओं और मानवीय संकट पर भी बातें हुईं। 110 दिन से अधिक समय से जारी इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष पर भी दोनों नेताओं ने अपने दृष्टिकोण साझा किए।

छठी बार फ्रांस से आया राजकीय मेहमान
गौरतलब है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ 40 सदस्यीय मजबूत प्रतिनिधिमंडल भी आया है। प्रतिनिधिमंडल में तीन मंत्री- विदेश, रक्षा और संस्कृति विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। विदेश मंत्री डॉ जयशंकर ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष और फ्रांस के नवनियुक्त विदेश मंत्री स्टीफन सेजॉर्न से मुलाकात की। विदेश सचिव ने बताया कि छठी बार कोई फ्रांसीसी नेता भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है।

वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष होगा
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि राष्ट्रपति मैक्रों के दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत और फ्रांस के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया, भारत-फ्रांस डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप, डिफेंस स्पेस पार्टनरशिप और उपग्रह प्रक्षेपण में साझेदारी के लिए स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) और एरियनस्पेस के साथ समझौते हुए हैं।

एच125 हेलीकॉप्टरों के उत्पादन के लिए टाटा और एयरबस हेलीकॉप्टरों के बीच औद्योगिक साझेदारी को भी अंतिम रूप दिया गया है। मैक्रों के भारत दौरे पर दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, स्वास्थ्य सेवा सहयोग, शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से जुड़े समझौतों को भी अंतिम रूप दिया है। वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन पर भारत का रूख
विदेश सचिव क्वात्रा ने बताया कि फ्रांस के दक्षिणी शहर मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास और हैदराबाद में फ्रांसीसी ब्यूरो परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सौर ऊर्जा के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के स्टार सी (Star Sea) कार्यक्रम के तहत सेनेगल में अकादमी खोली गई थी। भारत और फ्रांस ने इसे 2015 में लॉन्च किया था। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के लिए भारत की उम्मीदवारी हमेशा बहुत मजबूत रही है। साथ ही तीसरे संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2025 का आयोजन नीस में होगा। फ्रांस और कोस्टा सह-मेजबान होंगे। इसे भारत का पूरा समर्थन हासिल है।

भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, दोनों देश रक्षा उत्पादन रोडमैप अपनाने पर सहमत हुए हैं। रक्षा औद्योगिक क्षेत्र में साझेदारी से सह-डिजाइनिंग, सह-विकास, सह-उत्पादन को प्राथमिकता मिलेगी। दोनों देशों के बीच रक्षा आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण भी होगा। 

भारत सरकार ने फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक को नोटिस जारी किया है। इस मामले में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया, भारत सरकार का संबंधित विभाग इस मामले को निपटाने में लगा है। ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए निर्धारित नियम-कायदे बने हुए हैं। इसका पत्रकारिता के पहलू से कोई लेना-देना नहीं है। लोग मान्यता प्राप्त और कानूनी रूप से स्वीकृत काम करने को स्वतंत्र हैं। यह मामला नियमों के अनुपालन से जुड़ा है।

विदेश सचिव क्वात्रा ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों की आक्रामकता पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से सरकार लाल सागर में आने वाले व्यवधान, भविष्य में आने वाली अड़चनों और समुद्री मार्ग पर कारोबार और वाणिज्यिक शिपिंग में व्यवधान से चिंतित है। मैक्रों और पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान इस पर भी बात की। दोनों ने इसे वास्तव में गंभीर चिंता का विषय माना है। 

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