वर्षों की दुश्मनी भुलाकर फिर करीब आए सऊदी अरब और ईरान, चीन ने कराई दोस्ती

सऊदी अरब और ईरान के राजनयिक संबंध जल्द पटरी पर लौट सकते हैं। दरअसल, दोनों देश कूटनीतिक संबंधों को फिर से शुरू करने और दूतावासों को खोलने पर सहमत हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों ने बीजिंग में बैठकर शांति वार्ता की, जिसके बाद इस समझौते का ऐलान किया।

ईरान की समाचार एजेंसी आईआरएनए ने भी कहा, ईरान और सऊदी अरब के अधिकारियों के बीच बीजिंग में वार्ता हुई, जिसके बाद वे राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने और दूतावासों को खोलने पर सहमत हुए हैं।

चीन, सऊदी अरब और ईरान द्वारा जारी एक संयुक्त त्रिपक्षीय बयान में कहा गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पहल पर सऊदी अरब और ईरान के बीच अच्छे संबंधों को लेकर यह डेवलपमेंट सामने आया है। 

सऊदी अरब सरकार की ओर से जारी बयान में जानकारी दी गई, तीनों देशों ने ऐलान किया है कि सऊदी और अरब और ईरान के बीच एक समझौता हुआ है, जिसमें उनके बीच राजनयिक संबंधों को फिर से बहाल करने और दो महीने की अवधि के  भीतर अपने दूतावासों और मिशनों को फिर से खोलने पर समझौता शामिल है। समझौते में राज्यों (देशों) की संप्रभुता के लिए सम्मान और राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की बात भी शामिल है। 

बता दें कि ईरान और सऊदी अरब लंबे समय से एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। हाल के वर्षों में हालात और गंभीर हो गए थे। दोनों देश क्षेत्रीय प्रभुत्व के लिए वर्षों से लड़ रहे हैं। इस विवाद के पीछे का कारण धार्मिक मतभेद है। दोनों इस्लाम के अलग-अलग पंथ को मानते हैं। ईरान में ज्यादातर शिया मुसलमान हैं। जबकि सऊदी अरब खुद को एक सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र के रूप में देखता है। 

दोनों देशों के बीच साल 2016 से दोनों देशों के बीच रिश्तों में बर्फ जमी थी। इस साल सऊदी अरब के दूतावास पर हमला हुआ था। तब से ईरान और सऊदी अरब के बीच औपचारिक संबंध नहीं हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here