हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पूर्व सीएम सोरेन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, हाल ही में सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था। इसी के खिलाफ सोमवार को पूर्व सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।  

सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह इस अनुरोध पर गौर करेगी।

झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की रिट याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

ईडी को दिया गया था एक सप्ताह का समय
बता दें कि हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में धन शोधन का आरोप है। पूर्व सीएम फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा सोरेन की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए ईडी को एक और सप्ताह का समय दिया गया था।

रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है जांच
सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

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