पूर्व सचिव ने बिजली के कम उपयोग की अपील की

केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने देश में ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी को स्वीकार कर चुके हैं और इसे सामान्य स्थिति से परे बता चुके हैं. इस बीच पूर्व केंद्रीय ऊर्जा सचिव अनिल राजदान ने कहा है कि ये कड़ा समय है, बिजली का कम से कम इस्तेमाल करें. ब्लैक आउट बहुत गंभीर टर्म है, हो सकता है कुछ पॉकेट्स में ऐसी स्थिति आए. बिजली बनाने वाली कंपनियों की देनदारी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. कोयले के आयात की कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को कोल मूवमेंट के लिए वैगन्स की उपलब्धता कायम रखनी होगी. जल्द से जल्द कोयला खानों से उठाकर स्टेशन तक भेजना होगा. आने वाले समय मे लंबे और कठिन समय से गुजरना होगा. ऊर्जा की एफिशिएंसी और स्टोरेज का प्रबंध करना होगा, जो बहुत सस्ती नहीं है यानी लोगों को अच्छी सुविधा चाहिए तो उसकी कीमत चुकानी होगी. बिजली महंगी होगी.

अनिल राजदान ने कहा कि 20-25 साल पहले बिजली की जो स्थिति थी उससे कही बेहतर स्थिति मे हम आज हैं. हम कोविड के बाद एक कठिन समय से उबर के आए हैं तो थोड़ी मांग बढ़ गई है, लेकिन हमारी इंसटाल्ड क्षमता बहुत अच्छी है.

बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) गणेश श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि देशभर में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया है और आने वाले दिनों में दिल्ली में बारी-बारी से बिजली कटौती हो सकती है. दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति करने वाले कोयला आधारित बिजली संयंत्रों के पास लागू नियमनों के अनुसार 20 दिन के मुकाबले सिर्फ एक-दो दिन के लिए ही उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करने को कोयला भंडार है. श्रीनिवासन ने कहा, ‘परिणामस्वरूप, दिल्ली में कभी-कभी बिजली कट सकती है. हालांकि, गंभीर स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों बिजली उत्पादन के लिए कोयले की व्यवस्था करने को लेकर सक्रिय कदम उठाने पर विचार कर रही हैं.’

टाटा पावर की इकाई ने ग्राहकों को फोन पर संदेश

बहरहाल, कोयले की कमी का संकट गहराने के बीच दिल्ली में सेवाएं दे रही टाटा पावर की इकाई ने अपने ग्राहकों को फोन पर संदेश भेजकर इसकी जानकारी दी है और उनसे शनिवार दोपहर बाद से बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करने का आग्रह किया है. एक सूत्र ने बताया कि टाटा पावर की शाखा टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (डीडीएल), जो मुख्य रूप से उत्तर, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में काम करती है, ने अपने ग्राहकों को एसएमएस (संदेश) भेजा है.

ग्राहकों को शनिवार को भेजे गए एसएमएस में कहा गया है, ‘उत्तर भर में उत्पादन संयंत्रों में कोयले की सीमित उपलब्धता के कारण, दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच बिजली आपूर्ति की स्थिति गंभीर स्तर पर है. कृपया विवेकपूर्ण तरीके से बिजली का उपयोग करें. एक जिम्मेदार नागरिक बनें. असुविधा के लिए खेद है- टाटा पावर-डीडीएल.’ रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाले बीएसईएस डिस्कॉम-बीआरपीएल और बीवाईपीएल, जो राष्ट्रीय राजधानी के बड़े हिस्से को बिजली की आपूर्ति करते हैं, ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है. दिल्ली महानगर की तीन बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) निजी कंपनियों और दिल्ली सरकार के बीच संयुक्त उद्यम हैं.

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