गैंगस्टर कोर्ट ने जारी किए भूपेंद्र बाफर के गैर जमानती वारंट

मुजफ्फरनगर की गैंगस्टर कोर्ट ने वेस्ट यूपी के डान भूपेन्द्र बाफर के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी किये हैं। भूपेन्द्र बाफर पर 3 साल पहले दारोगा को गोली मारकर कुख्यात रोहित उर्फ सांडू को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने के ममाले में मुकदमा दर्ज हुआ था। उक्त मुकदमे के बाद ही बाफर को गैंगस्टर में निरुद्ध किया गया। भूपेन्द्र बाफर आजाद समाज पार्टी से 2022 विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है।

दारोगा दुर्ग सिंह हत्याकांड में नामजद है भूपेन्द्र

2 जुलाई 2019 को मीरजापुर जेल से एडीजे-11 कोर्ट में पेशी पर आए कुख्यात रोहित उर्फ सांडू को जानसठ थाना क्षेत्र के सलारपुर स्थित वैष्णव ढाबे पर पुलिस की आंखो में मिर्ची झोंक और फायरिंग कर अभिरक्षा से छुड़ा लिया गया था। उक्त हमले में बदमाशों की गोली लगने से घायल दारोगा दुर्ग सिंह की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने पड़ताली की तो हत्याकांड की साजिश रचने में भूपेन्द्र बाफर पुत्र राजेन्द्र सिंह निवासी गांव बाफर थाना जानी का नाम सामने आया। पुलिस ने भूपेन्द्र को अन्य आरोपितों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

कोविड काल में हाईकोर्ट से मिली थी जमानत

हत्याकांड को अंजाम देकर आरोपित को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के साथ ही जानसठ थाना पुलिस ने भूपेन्द्र बाफर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया था। अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि कोविड काल में भूपेन्द्र बाफर को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन उसके बाद वह कभी भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। इस कारण सभी अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोप भी तय नहीं हुए। अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, लोक अभियोजक राजेश शर्मा व दिनेश पुंडीर ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के जज बाबूराम ने भूपेन्द्र बाफर के गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिये हैं।

सांडू से कराना चाहता था मूछ का पत्ता साफ

2019 में कई साल की चुप्पी के बाद भूपेन्द्र बाफर ने वेस्ट की जरायम की दुनिया में फिर से दस्तक दी थी। बाफर राजनीति लोगों से तो गहरे संबंध बना ही चुका था। पुलिस ने भी 2 गनर देकर उसे स्वयं सुरक्षा प्रदान की थी। 2019 से पहले ही उसने योगेश भदौड़ा और उधम सिंह गैंग के कई बदमाशों को अपने गैंग में शामिल किया था। वेस्ट के माफिया सुशील उर्फ मूछ को टक्कर देने के लिए पहले भूपेन्द्र ने योगेश भदौड़ा और उधम सिंह गैंग के बीच समझौता कराया और फिर सांडू को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने की साजिश रची। पुलिस के अनुसार भूपेन्द्र बाफर सांडू को छुड़ाकर उससे मूछ का काम तमाम कराना चाहता था। ताकि वेस्ट में वह माफिया की बादशाही हासिल कर सके। लेकिन पुलिस ने सांडू का एनकाउंटर कर सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया था।

सिवालखास सीट से बाफर लड़ा था विस चुनाव

हत्या, लूट आदि के 20 से अधिक मुकदमों में नामजद भूपेन्द्र बाफर ने विधानसभा चुनाव 2022 में चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से ताल ठोक दी थी। भूपेन्द्र बाफर ने मेरठ की सिवालखास सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हांलाकि वह चुना हार गया था, लेकिन उस दांव वेस्ट के इस डान ने सियासी चोला ओढने का पूरा प्रयास किया था।

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