गोशाला की जमीनें कब्जामुक्त होंगी: कैबिनेट मंत्री धर्मपाल

छुट्टा गोवंश को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत में एक-एक गोशाला बनाई जाएगी। गोवंश से प्राप्त पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की बिक्री से प्राप्त आय को गोवंश और गोशालाओं के विकास पर खर्च किया जाएगा। इससे रोजगार भी बढ़ेगा। ये बातें उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बरेली में आईवीआरआई में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। पशुओं की वैक्सीन, बीमारी, इलाज, पशुधन, भ्रूण प्रत्यारोपण आदि के संबंध में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने वैज्ञानिकों के साथ बैठक की।

दोपहर एक बजे सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान गोवंश सुरक्षा की पहल को प्रदेश की जनता ने सराहा पर खुले घूम रहे पशुओं के संबंध में आपत्ति भी जताई थी। लिहाजा, इससे निजात दिलाने की पहल होगी, ताकि किसानों की फसलें सुरक्षित रहें और गोवंश किसी के लिए मुसीबत न बनें। साथ ही, गोशाला में निगरानी के लिए स्थानीय ग्रामीण की तैनाती की जाएगी। इससे रोजगार भी बढ़ेगा। बेल्जियम मॉडल पर गोशाला का संचालन होगा।

वक्फ की जमीन से हटाएंगे कब्जे, मदरसों में मिलेगी राष्ट्रवाद की शिक्षा

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों में जहां भी गोशाला की जमीनों पर कब्जा मिलेगा, उसे मुक्त कराने की सख्त कार्रवाई की जाएगी। कब्जे में जो वक्फ की जमीन हैं, उन्हें भी चिह्नित कराकर मुक्त कराए जाने की जानकारी दी। कहा, राष्ट्रहित और देशहित की शिक्षा देने वाले मदरसों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की पहल होगी। वहां राष्ट्रवाद की शिक्षा दिए जाने की पहल होगी।

रुहेलखंड में पर्यटन की संभावना, यहां महाभारतकालीन स्थान

धर्मपाल ने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी रुहेलखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। बरेली की दोनों लोकसभा में कई ऐसे पुरातात्विक, महाभारतकालीन स्थान हैं, जिन्हें पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत और आसपास के कई जिलों के ऐसे स्थान चिह्नित किए जाएंगे। पर्यटन विभाग की ओर से इस दिशा में कार्य शुरू हो गया है।

आंवला को जिला बनाने की पहल, शासन को भेज दी गई रिपोर्ट

आंवला को जिला बनाने के सवाल पर धर्मपाल बोले कि पूर्व के कार्यकाल में ही उन्होंने प्रस्ताव मुख्यमंत्री को सौंप दिया था। महाभारतकाल में उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र थी। जो आंवला का ही हिस्सा है। प्रस्ताव के बिन्दुओं पर जिला बनाए जाने के संबंध में शासन ने रिपोर्ट मांगी थी। जो भेज दी गई है। इसमें रामगंगा से दक्षिण, रामपुर के शाहबाद, दातागंज, बदायूं, बिसौली, सिविल तहसील का कुछ भाग शामिल है।

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