गहलोत बोले- मेरा बस चले, तो रेपिस्ट-गैंगस्टर के बाल कटवाकर पब्लिक परेड कराऊं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसीबी के कार्यवाहक डीजी के भ्रष्टाचार के आरोपी क नाम-चेहरा सार्वजनिक नहीं करने के आदेश पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा- हमारी सरकार की भ्रष्टाचार और अपराध के लिए जीरो टोलरेंस नीति है और जारी रहेगी। मेरा बस चले तो मैं रेपिस्ट और गैंगस्टर के बाल कवाटकर उन्हें मार्केट में घुमाऊं और पब्लिक परेड कराऊं। जिससे पूरी जनता देखे कि यह रेपिस्ट आदमी है। गहलोत ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने क्यों आदेश कर दिया कि मुल्जिम को हथकड़ी नहीं लगा सकते ? हथकड़ी लगती थी, तो लोगों को शर्म आती थी।

हथकड़ी में मार्केट के अंदर वह जाता था, तो उसको गिल्टी कॉन्शियस फील होता था। हथकड़ी बंद कर दी। अब पुलिस वाला उसे हाथ पकड़ कर ले जाता है, इसमें क्या तुक है ?  जो आदमी रेपिस्ट है, उसे लेकर जाओ और पब्लिक में परेड़ कराओ। उसे शर्म आएगी, तो बाकी रेपिस्ट टाइप लोग डरते रहेंगे।  वो रेप करना भूल जाएंगे। वो खत्म कर दिया गया है। अब ना हथकड़ी लग सकती है, ना इस तरह घुमा सकते हो। कई बातें ऐसी होती हैं कि ज्यूडिशियरी अपना काम करती है, हम अपना काम करते हैं। लेकिन ज्यूडिशियरी तो ज्यूडिशियरी है। उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य बनता है, इसलिए उस ढंग से काम करना पड़ता है।

जरूरत पड़ी तो एसीबी का ऑर्डर विदड्रॉ करवा लेंगे
गहलोत ने कहा- एसीबी का ये ऑर्डर भी उस ढंग से निकला हुआ है। मीडिया को पब्लिक को भी बाइंड नहीं करना चाहिए। टेक्नीकली सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा- उसको आधार बनाकर यह किया गया है। फिर भी मीडिया में रिपोर्टिंग आई है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला और किसी और परपज के लिए था। उसको मैं दिखवा दूंगा। जरूरत पड़ी तो हम आदेश को विदड्रॉ करवा लेंगे। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। मंशा सरकार की वही है, जो पहले थी।

मीडिया पर कोई बंदिश नहीं, आरोपियों की फोटो दे, एक्शन करें
सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया से कहा – आपके ऊपर उसमें कोई बंदिश नहीं है। पिछली बार वसुंधरा राजे के वक्त में बिल आ गया था कि मीडिया वाले कुछ न्यूज नहीं छाप पाएंगे। उसका एक इश्यू बन गया था। तब वो एक्सप्लेन भी नहीं कर पाए। आखिर में उनको आदेश विदड्रॉ करना पड़ा। इस केस को मैंने देखा नहीं है। मैं जयपुर जाकर देखूंगा किस रूप में आदेश हुआ। जहां तक मुझे जानकारी है कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जज की बेंच ने फैसला दिया कि किसी भी ऐसे केस में जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाए, तब तक इसे ऑफिशियली मत दो। बाकी जब कोई पकड़ा जाता है, तो मीडिया वालों को मालूम पड़ता है। मीडिया आरोपियों के फोटो दे और उसके खिलाफ एक्शन करें, कोई दिक्कत नहीं है। हम तो हर चीज में बहुत सेंसिटिव हैं। जब पेपर आउट होता है, तो हम उन स्कूलों की मान्यता रद्द करते हैं। दोषियों को नौकरी से बर्खास्त करते हैं।

मतलब हम लोग छापे नहीं डालें
गहलोत ने कहा- जितना एंटी करप्शन ब्यूरों ने राजस्थान में काम किया है, हिन्दुस्तान में नहीं किया। अब उस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया कहें कि करप्शन बहुत हो रहा है। इसका मतलब हम लोग छापे नहीं डालें, एसीबी काम ही नहीं करे। ये लोग उलटा चलते हैं। इनकी बुद्धि उलटा काम करती है। हम बार-बार छापे डाल रहे हैं। छापे डालेंगे, तो आरोपी पकड़े जाएंगे। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। उसकी तारीफ और एप्रीशिएट करना कभी उन्होंने सीखा ही नहीं है। जबकि हमने तो राजस्थान में एफआईआर तक कम्पलसरी कर दी है। हमारे यहां बहुत अच्छा काम हो रहा है। अभी जो आदेश निकला है, वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मंशा को देखते हुए चार्ज लेने वाले डीजी ने निकाल दिया होगा। इस आदेश का और कोई मकसद नहीं है। सरकार का वही स्टैंड है जो पहले था। जीरो टोलरेंस करप्शन में रहेगी। मीडिया पर कोई रोक नहीं है, जो चाहे तो वो छापें। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरूवार को उदयपुर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गैंगस्टर और रेपिस्ट जैसे अपराधियों के खिलाफ बड़ा बयान दे दिया। 

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