लोकसभा में पारित हुआ जनरल इंश्योरेंस व्यवसाय संशोधन विधेयक, मिलेगा ये लाभ

लोकसभा में पारित हुआ सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021. आपको बता दें कि शुक्रवार को लोकसभा में जनरल इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया गया था. इस विधेयक से सरकार को पब्लिक सेक्टर की जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम करने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि इसके पहले शुक्रवार को साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 (General Insurance Business (Nationalisation) Amendment Bill, 2021) पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ये विधेयक भारतीय बाजारों से जरूरी संसाधनों को जुटाने में मदद करेगा.

इस विधेयक के माध्यम से साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है . यह अधिनियम 1972 में लागू हुआ था और इसमें साधारण बीमा कारोबार के विकास के जरिये अर्थव्यवस्था की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा करने के लिए भारतीय बीमा कंपनियों और अन्य मौजूदा बीमा कंपनियों के उपक्रमों के शेयरों के अधिग्रहण और हस्तांतरण की अनुमति का प्रावधान किया गया था.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक निजी भागीदारी का उपबंध करने, बीमा पहुंच में वृद्धि करने, सामाजिक संरक्षण एवं पालिसीधारकों के हितों को बेहतर रूप से सुरक्षित करने तथा अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि में अंशदान करने के लिये अधिनियम के कुछ उपबंधों का संशोधन करना आवश्यक हो गया था. इसी के अनुरूप साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 लाया गया है. इसमें कहा गया है कि विधेयक के माध्यम से अधिनियम की उस अपेक्षा को हटाने का प्रावधान किया गया है जिसमें केंद्र सरकार विनिर्दिष्ट बीमाकर्ता की साम्य पूंजी 51 प्रतिशत से कम नहीं होने की बात कही गई है.

इसके लागू होने से ज्यादातर लोगों तक पहुंचेगी बीमा सुरक्षा
वित्तमंत्री ने बताया था कि साधारण बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक से सार्वजनिक क्षेत्र की जनरल इंश्योरेंस कंपनी में केन्द्र सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी रखने की बाध्यता खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि समाज के बड़े हिस्से तक बीमा सुरक्षा की पहुंच बनाने, सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने, सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने, पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करने और देश की आर्थिक प्रगति को तेज करने की दृष्टि से कानून में ये संशोधन लाना जरूरी है.

विपक्षी दलों ने लगाया सरकार पर निजीकरण का आरोप
सदन में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया. इन विपक्षी नेताओं ने सरकार के इस विधेयक का विरोध करते हुए सरकार पर निजिकरण का आरोप लगाया. विपक्षी सांसदों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे विदेशी निवेशक आएंगे और सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों का पूर्ण निजीकरण होगा.  इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री ने जवाब देते हुए कहा, कि विपक्षी सदस्यों ने जिन आशंकाओं का जिक्र किया है, वे सही नहीं हैं. हमारे संशोधन की से कुछ भी निजीकरण नहीं होने वाला है. हम ऐसे कुछ सक्षम प्रावधान ला रहे हैं जिससे सरकार साधारण बीमा कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की और देश के नागरिकों एवं आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कर सके.

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