घोसी उपचुनाव: छह साल में चौथी बार होने जा रहा चुनाव, दो बार भाजपा की जीत

घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। इस सीट पर छह वर्ष में चौथी बार चुनाव होने जा रहा है। घोसी उपचुनाव ऐसा चुनाव साबित होने वाला है जो आने वाले 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कई सवालों के जवाब देकर जाएगा। यहां सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच है। साथ ही इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन के बीच भी है। इस चुनाव को लेकर दोनों गठबंधन कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि न केवल दोनों दल के प्रमुख प्रचार में जुटे हैं बल्कि इनके साथ गठबंधन में शामिल दल भी पुरजोर ताकत झोंक रही है।

वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी फागू चौहान ने माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को हराकर चुनाव जीता था। इसके बाद फागू बिहार के राज्यपाल बनाए गए और इस्तीफा देने से रिक्त सीट पर 2019 में उपचुनाव हुआ। इसमें भाजपा प्रत्याशी के रूप मे विजय राजभर ने सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को पराजित किया।

सपा छोड़कर भाजपा में आए दारा सिंह चौहान

इसके बाद वर्ष 2022 के विधानसभा के सामान्य चुनाव में भाजपा से त्यागपत्र देकर पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान सपा प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर को हराकर विधायक बने।

उत्तर प्रदेश में दोबारा भाजपा की सरकार बनने पर दारा सिंह चौहान ने एक वर्ष बाद ही सपा और विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके बाद खाली सीट पर पांच सितंबर को उपचुनाव होने जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान और सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह के बीच मुकाबला है। इस तरह से छह वर्ष में चार बार विधायकी का चुनाव चर्चा में बना है। 

घोसी में चुनाव प्रचार थमा, दिग्गजों ने लगाया पूरा जोर

घोसी विधानसभा सीट पर पांच सितंबर के उपचुनाव के लिए रविवार को प्रचार थम गया। इसके बाद बाहर से आए इन दोनों गठबंधन दलों के नेता भी जिले को छोड़कर लौटते दिखाई दिए। चुनावी प्रचार को देखें तो सबसे पहले सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव ने 29 अगस्त को कोपागंज के बापू इंटर कॉलेज में जनसभा की। दो सितंबर को घोसी मिल मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा-कांग्रेस पर निशाना साधा था। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तीन दिन और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पांच दिन तक चुनाव प्रचार किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी छह दिन प्रचार में जुटे रहे। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल ने भी चुनाव प्रचार किया। भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए कैबिनेट मंत्री एके शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह, बेबीरानी मौर्य, धर्मवीर प्रजापति, सूर्यप्रताप शाही, नरेंद्र कश्यप, दयाशंकर सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद, विजय लक्ष्मी गौतम, नंदगोपाल नंदी, रविन्द्र जायसवाल, गिरीश यादव, जेपीएस राठौर, दयाशंकर दयालु और अन्य कई मंत्री रहे। भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने 10 दिन जनसंपर्क, चौपाल, छोटी सभाएं कीं।

सपा के प्रत्याशी के पक्ष में भी जुटे रहे दिग्गज

सपा के महासचिव शिवपाल यादव ने सात दिन में कई चौपाल तथा बैठकें कीं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने भी प्रचार किया। सपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार की कमान संभालने वालों में राष्ट्रीय महासचिव राम अचलराजभर, रामगोपाल यादव, विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, विधायक अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी, पूर्व विधायक गजाला लारी, काजल निषाद जनसंपर्क करते दिखे। सहयोगी दलों कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इंतेखाब, पूर्व प्रदेश सचिव राष्ट्रकुवर सिंह, पूर्व विधायक नसीम अहमद, समाजवादी जनपरिषद के प्रदेश अध्यक्ष बिक्रमा मौर्य, आम आदमी पार्टी के नेता लगे रहे।

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