कांग्रेस आलाकमान ताकत दे ताकि हम मगरमच्छों से लड़ सकें: रावत

कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने ट्वीट में सत्ता में बैठे जिन मगरमच्छों का जिक्र किया था, अब उसका खुलासा किया है। उनके अनुसार केंद्रीय एजेंसियां ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स सत्ता के वह मगरमच्छ हैं, जो हरीश रावत का रास्ता रोक सकते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने करीबियों को सचेत भी किया है।

मंगलवार को न्यूज चैनल आज तक के पंचायत कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आए थे, उन्होंने उनके स्टिंग का जिक्र करते हुए सीबीआई को संकेत दिए थे। हरीश रावत चुनाव में हैं, ध्यान रखना। हरीश ने कहा तभी उन्होंने ट्वीट में आलाकमान से समुद्र में तैरने के लिए ताकत मांगी थी। तभी उन्होंने कहा था, बिना हाथ-पांव खुले समुद्र को पार नहीं किया जा सकता। हमें ताकत दें, ताकि हम सत्ता के मगरमच्छों से मुकाबला कर सकें।

हरीश ने भाजपा सरकार को भी कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने कहा कि युवा चेहरे को आगे रख देने भर से राज्य का भला नहीं होने वाला है। सब जानते हैं कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार को दिल्ली में बैठे लोग चला रहे हैं। उनका जब मन आता है, किसी को भी कुर्सी से हटा देते हैं, किसी को भी कुर्सी पर बैठा देते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्रियों को बदलने से माहौल नहीं बदलने वाला है। आज कोई भी भाजपा नेता यह बताने की स्थिति में नहीं है कि उनके यहां एक के बाद एक मुख्यमंत्री क्यों बदले गए। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारी सरकार बनेगी और वह दिल्ली नहीं देहरादून से ही चलेगी।

अभी तो मैंने सिर्फ बैंटिंग शुरू की है…
युवा नेतृत्व बनाम हरीश रावत के सवाल पर बोले कि लोग पूछ रहे हैं, इस बूढ़े ने क्या खाया है, जो इन जवानों ने नहीं खाया है। अभी तो मैंने सिर्फ बैटिंग शुरू की है, अगर बॉलिंग के साथ थ्रो भी फेंकना शुरू कर दिया तो यह लोग कहीं नहीं ठहर पाएंगे। हरीश ने कहा कि हमारे पास हर वर्ग, हर उम्र के नेता हैं। भविष्य की पूरी लाइनअप खड़ी है।

लोगों ने डबल इंजन दिया, इन्होंने गाड़-गदेरे खोद दिए
भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व सीएम ने कहा उत्तराखंड के लोगों ने इन्हें यह सोचकर डबल इंजन दिया था कि यह प्रदेश का भला करेंगे, यहां के लोगों को रोजगार देंगे, लेकिन इन्होंने तो गाड़-गदेरे खोदने का काम शुरू कर दिया। आज उत्तराखंड का कोई ऐसा गाड़-गदेरा नहीं बचा है, जो खोदा न गया हो। उन्होंने मुख्यमंत्री को खनन प्रेमी की संज्ञा देते हुए कहा कि आज यह नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा विशुद्ध रूप से मांसाहारी पार्टी है, जबकि कांग्रेस गांधी में विश्वास रखती है। 

हमसे अपने पहलवान नहीं संभल रहे, उजाड़ुओं को कहां लाएंगे
भाजपा के कुछ नेताओं सहित बागियों की वापसी के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि यह सत्य है कि भाजपा में आज भगदड़ जैसी स्थिति है। हमारे उजाड़ू बल्दों को भी उन्हें कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है। वह इधर आना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल हरीश रावत छड़ी लेकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमसे हमारे पहलवान नहीं संभल रहे, उजाड़ुओं को कैसे संभालेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा आरएसएस की फ्रेंचाइजी है, वहां विचारों की स्वतंत्रता नहीं है। इसलिए वहां सब परेशान हैं। आज उनके मंत्री कोपभवन में जाने को मजबूर हैं।

हरक को मौका देता तो क्या मैं घुनिया छिलता…
हरक सिंह का दर्द है कि वह सीएम नहीं बन पाए, इस सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि मैं अभी सीएम बना ही था, अगर कुर्सी हरक को दे देता तो खुद क्या घुइयां छीलता। उन्होंने कहा कि उन्हें एक बार सीएम बनना था वह बन गए, अगर पार्टी दोबारा मौका देगी, तो फिर उसी जोश के साथ फिर से चौके-छक्के लगाएंगे।

केजरीवाल खुद पर वोट कटाऊ का ठप्पा न लगवाएं
हरीश ने कहा कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अच्छी सरकार चला रहे हैं, कुछ मामलों में उन्होंने अच्छा काम किया है। लेकिन दिल्ली का मॉडल उत्तराखंड में नहीं चल सकता है। यहां राजनीति करने के लिए उन्हें कम से कम पांच साल यहां के गाड़-गदेरों को नापना होगा। उनकी पार्टी उत्तराखंड में वोट कटाऊ का स्टेटस बनने जा रही है। वह अरविंद केजरीवाल को सलाह देना चाहेंगे कि वह ऐसा न होने दें। उन्होंने कहा कि ऐसा करके केजवरीवाल पाप कर रहे हैं। सब्सिडी के मॉडल पर हरीश ने कहा कि हमने भी सब्सिडी की बात कही है, लेकिन हमारा मॉडल सब्सिडी के साथ सोशल सब्सिडी का है।

पंजाब में चन्नी अच्छा खेल रहे हैं…
हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने जितना समय दिल्ली और पंजाब को दिया है, उतना ही समय उत्तराखंड को भी दिया है। कोई यह नहीं कह सकता कि मैं पंजाब के चक्कर में उत्तराखंड से दूर रहा। उन्होंने कहा पंजाब में चन्नी अच्छी बेटिंग कर रहे हैं और सिद्धू उनका अच्छा साथ दे रहे हैं। पंजाब में पार्टी पुन: सत्ता के दरवाजे पर खड़ी है।

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