गोवा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इसे लेकर नेताओं की दल-बदल भी जारी है। करीब तीन महीने पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने वाले पोंडो के पूर्व विधायक लवू मामलेदार ने अब पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। अपने इस कदम को लेकर मामलेदार ने कहा कि मैं सितंबर में टीएमसी में इसलिए शामिल हुआ था क्योंकि मैं ममता बनर्जी के 2021 के विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन और हाई-कमांड संस्कृति की ओर उनके रुख से प्रभावित था।
भाजपा से भी खराब है टीएमसी: लवू मामलेदार
उन्होंने आरोप लगाया कि पांच नवंबर को टीएमसी और एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी) के बीच गठबंधन के बाद हमने इसका सांप्रदायिक रूप देखा। टीएमसी अपना वोट बैंक बनाने के लिए हिंदुओं और ईसाईयों के बीच दरार डालना चाहती है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि योजनाओं के लिए जानकारी एकत्र करने के नाम पर पार्टी लोगों का डाटा भी जुटा रही है। पिछले 15-20 दिन में मैंने जो कुछ देखा है उससे पूरी तरह साफ है कि टीएमसी भाजपा से भी खराब है।
‘गोवा की जनता से झूठे वादे कर रही है टीएमसी’
मामलेदार ने कहा कि टीएमसी ने लक्ष्मी भंडार योजना की शुरुआत की है और इसके तहत पश्चिम बंगाल की महिलाओं को 500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता देने की व्यवस्था है। लेकिन गोवा में पार्टी की ओर से महिलाओं को 5000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया जा रहा है, जो कि संभव ही नहीं है। मामलेदार ने कहा कि जब एक पार्टी को अपनी हार महसूस होने लगती है तो वह झूठे वादे करती है। मैं ऐसी पार्टी का हिस्सा नहीं बनूंगा जो जनता को बेवकूफ बनाती है।
सितंबर अंत में टीएमसी से जुड़े थे लवू मामलेदार
पोंडा से पूर्व विधायक लवू मामलेदार सितंबर के अंतिम सप्ताह में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। वह राज्य के उन शुरुआती नेताओं में से एक थे जिन्होंने टीएमसी से जुड़ने का फैसला किया था। इस साल बंगाल में विशाल जीत से भाजपा को करारा झटका देने वाली टीएमसी ने फरवरी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है। इसके लिए उसने भाजपा की पूर्व सहयोगी एमजीपी के साथ हाथ मिलाया है।