गोंडा जिले में तरबगंज तहसील क्षेत्र के अमदही ग्रामसभा में छठ पूजा के दौरान भाई के साथ प्रसाद लेने गए एक आठ वर्षीय मासूम की झील में डूबने से मौत हो गई। घटना सोमवार सुबह उस समय की है जब क्षेत्र के छठ व्रती महिलाएं सूर्य उपासना के अंतिम दिन उगते सूरज को अर्घ्य देने अष्टावक्र आश्रम के पास रामघाट पर गईं थीं। सुबह करीब छह बजे पास के गांव ताराडीह शुक्ल पुरवा निवासी राजेंद्र गुप्ता के दो बेटे सत्यम (12) व सुधांशु (8) गांव के बच्चों के साथ प्रसाद लेने रामघाट पूजास्थल पहुंचे। तभी अचानक पैर फिसलने से सुधांशु बरसोत झील में गिरकर लापता हो गया।
वहां मौजूद स्थानीय भीड़ में से कुछ लोगों ने लापता बच्चे को ढूंढ़ने का भरसक प्रयास किया, लेकिन पता नहीं चल सका। सूचना पर एसडीएम शत्रोहन पाठक व सीओ संसार सिंह राठी पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंच गए। घटना के करीब पांच घंटे बाद पहुंचे गोताखोर ने लापता बच्चे का शव झील से बाहर निकाला। मृतक मासूम सुधांशु कक्षा तीन का छात्र था। पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं घटना से परिजनों में मातम का माहौल पसर गया है। एसडीएम शत्रोहन पाठक ने बताया कि शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद प्राकृतिक आपदा के तहत परिजनों को चार लाख रुपये की प्रशासनिक मदद मुहैया कराई जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर्मी बने रहे दर्शक
छठ पूजा के अवसर पर क्षेत्र के रामघाट स्थल पर सूर्य की उपासना के प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतेजाम भी रहते हैं, लेकिन घटना के दिन सुरक्षा के रूप में तैनात पुलिसकर्मी सिर्फ मूकदर्शक साबित हुए। अगर मौके पर कोई गोताखोर होता तो शायद डूबते बच्चे को समय से बाहर निकालकर उसकी जान बचाई जा सकती थी।
मृतक बच्चे का पिता महीनों से करा रहा दिल्ली में मां का इलाज
मृतक बच्चे की दादी कैंसर पीड़िता है जिसका इलाज दिल्ली में चल रहा है। घटना के करीब एक माह से सुधांशु के पिता राजेंद्र गुप्ता अपनी मां का इलाज दिल्ली में करा रहे हैं। बेटे की मौत की खबर लगते ही रोते बिलखते हुए गांव के लिए निकले हैं। वहीं छोटे बेटे की मौत से मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है। गांव व आसपास क्षेत्र के लोगों को मासूम के मौत की घटना ने झकझोर दिया है और मातम पसरा है।