गोरखपुर में झंगहा इलाके के राघोपट्टी निवासी आर्मी में शिक्षक पद पर तैनात धनंजय यादव का शव शुक्रवार को घर आते ही बवाल हो गया। शहीद का दर्जा, बहन को सरकारी नौकरी और 50 लाख मुआवजा देने की मांग को लेकर स्थानीय लोग रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। इससे आवागमन प्रभावित होने लगा। शाम होते ही मौके पर पहुंचे डीएम पर भीड़ भड़क गई और पथराव करने लगी। डीएम और फोर्स ने भागकर जान बचाए। बाद में अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचा और आंसू गैस के गोले दागकर हालात पर काबू पाया गया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस जीपों को भी क्षतिग्रस्त किया है।
जानकारी के मुताबिक, धनंजय यादव 2014 में आर्मी में चयनित हुए थे। सिक्किम में उनकी तैनाती थी। 22 मार्च की शाम उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को धनंजय का शव घर पहुंचा, लेकिन इस दौरान प्रशासनिक या पुलिस अफसर मौजूद नहीं थे। इसी बात से नाराज होकर स्थानीय लोग उग्र हो गए और पहले चौराहे पर प्रदर्शन किया फिर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए।
हंगामा बढ़ने की खबर पाकर शाम में डीएम, प्रभारी एसएसपी मौके पर पहुंच गए। डीएम को भीड़ ने खदेड़ कर पुलिस जीप के शीशे तोड़ दिए। देर शाम तक हंगामा जारी रहा। वहीं पुलिस भी हालात पर काबू पाने की कोशिश में जुटी रही।