सरकार ने सीईएल के निजीकरण पर रोक लगाई

सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के निजीकरण पर रोक लगा दी है, क्योंकि कर्मचारी संघ ने कंपनी को एक कम जाने-पहचाने फर्म को बेचने के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि शहर स्थित नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग द्वारा लगाई गई 210 करोड़ रुपये की उच्चतम बोली में कम मूल्यांकन के आरोपों की जांच की जा रही है। 

पांडे ने बताया कि सीईएल में 100 प्रतिशत सरकारी शेयरधारिता नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को बेचने के लिए आशय पत्र (एलओआई) जारी नहीं किया गया है, क्योंकि आरोपों की जांच की जा रही है। सरकार ने नवंबर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत सीईएल को नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दी थी। लेन-देन मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है।   

इसके बाद सीईएल कर्मचारी संघ ने निजीकरण के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विपक्षी कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि कंपनी का कम मूल्यांकन किया जा रहा है। पांडे ने कहा कि विनिवेश पर अंतर-मंत्रालयी समूह आरोपों की जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने एलओआई को रोक रखा है क्योंकि यह एक विचाराधीन मामला है और कर्मचारी संघ के आरोपों की जांच की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि सीईएल की बुक वैल्यू 108 करोड़ रुपये और टर्नओवर करीब 200 करोड़ रुपये है। पांडे ने आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि 108 करोड़ रुपये के बुक वैल्यू वाली कंपनी का मूल्यांकन 1,000 करोड़ रुपये कैसे हो सकता है। किसी साल सीईएल ने 20 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, तो कभी उन्होंने 1 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। 

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