संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) कल यानि 18 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस मानसून सत्र से पहले आज केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. कहा जा रहा है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं. संसद यह मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. माना जा रहा है कि इस बार का मानसून सत्र हंगामेदार रह सकता है. विपक्ष मानसून सत्र में कई मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर रहा है. इससे पहले शनिवार को भी सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने सभी दलों से सदन में शांति और गरिमा को बनाए रखने का आह्वान किया था.

बताया जा रहा है कि इस दौरान सरकार की ओर से इस मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दलों के साथ चर्चा की जाएगी. वहीं शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में जानकारी दी गई कि संसद के कामकाज की सूची के अनुसार सदनों में 14 लंबित विधेयक और 24 नए विधेयक शामिल हैं. लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों को जानकारी दी कि सत्र के दौरान 18 बैठक होंगी और कुल 108 घंटे का समय होगा. इसमें करीब 62 घंटे सरकारी कामकाज के लिए होंगे. बचा हुआ समय प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर-सरकारी कामकाज के लिए आवंटित होंगे.

कुछ ही दल हुए थे शनिवार को शामिल

18 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र से पहले शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सत्र में अग्निपथ योजना और किसानों के मुद्दों पर चर्चा की मांग की है. वहीं शनिवार को अधिकांश विपक्षी दल बैठक से नदारद भी रहे. बैठक में कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी और डीएमके की ओर से टीआर बालू शामिल हुए. बैठक में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और अपना दल (एस) के नेता शामिल हुए.

मुद्दों पर चर्चा करने की मांग

वहीं तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, शिरोमणि अकाली दल और वाम दल के प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचे. बीजू जनता दल का भी कोई प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुआ. यह भी बात सामने आई है कि विपक्ष इस बार मानसून सत्र में सदन में कई मुद्दों पर चर्चा करने का विचार बना रहा है. शनिवार को हुई बैठक के दौरान मांग उठाई गई है कि संसद में बेरोजगारी, सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.

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