उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुनापार रेलवे ट्रैक के किनारे कचरे में मिली दवाएं सरकारी हैं। ये पांच राज्यों की सरकारी अस्पतालों की एक्सपायर्ड दवाएं हैं। पुलिस की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इसकी जांच की। रिपोर्ट बनाकर निस्तारण के लिए मेडिकल वेस्ट कंपनी को पत्र लिखा है।
नुनिहाई में रेलवे ट्रैक के किनारे 20-25 बोरियों में दवाएं और मेडिकल वेस्ट भरी थीं। आग लगाकर नष्ट करने की कोशिश भी की गई थी। सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डॉ. सुशील कुमार को जांच के लिए भेजा था। जांच में पाया गया कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की एक्सपायर्ड दवाएं हैं।
कुछ बोरियों में सिरिंज, रैपर, बोतल समेत अन्य मेडिकल वेस्ट थे। एक बोरी में चूने से बने दांत के आकार मिले। बोरियों के पास ही एक-दो पैथोलॉजी लैब के पर्चे भी मिले, उस पर नाम स्पष्ट नहीं था। सभी की रिपोर्ट बनाई गई है।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ बोरियों में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश की सरकारी दवाएं मिली हैं। इनकी रिपोर्ट बनाई है, बाकी के मेडिकल वेस्ट को निस्तारित करने के लिए मेडिकल वेस्ट कंपनी को लिखा है। संबंधित राज्यों को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
पकड़ा गया था गैंग
कमला नगर के तेज नगर निवासी पंकज गुप्ता और जयपुरिया गैंग भी नशे की दवाओं और सरकारी दवाओं की कालाबाजारी करते थे। 2021 में इसके गैंग को पकड़ा गया था। गोदाम से मध्यप्रदेश, हरियाणा समेत आसपास के राज्यों की सरकारी दवाएं बरामद हुई थीं। गैंग के 17 सदस्य पुलिस ने पकड़े थे। 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी कुर्क की थी।
फिर से पैकिंग कर खपाने का भी खेल
बीते पांच साल में एक्सपायर्ड दवाएं, नारकोटिक्स दवाएं, गर्भपात किट की कालाबाजारी आगरा में पकड़ी गई हैं। यहां एक्सपायर्ड और सरकारी दवाओं की री-पैकिंग का खेल भी पकड़ा गया है। इसमें एक्सपायर्ड दवाओं को नए सिरे से पैक करके बाजार में खपाया जाता है। 2020 में आवास विकास कॉलोनी में राजौरा बंधुओं को पकड़ा था। इसके गोदाम से री-पैकिंग का सामान व रैपर मिले थे। मथुरा में फैक्टरी पकड़ी गई थी।
सरकारी दवाओं की कालाबाजारी
जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशू शर्मा का कहना है कि आगरा में नकली, नारकोटिक्स की दवाएं समेत सरकारी दवाओं की भी दवा माफिया कालाबाजारी कर रहे हैं। दूसरे राज्यों से कैसे आगरा आती हैं और इनकी बिक्री होती है, औषधि विभाग भी इनके सामने फेल है। मुख्यमंत्री को सीबीआई से जांच कराने के लिए पत्र लिखेंगे।